RBI से कम से कम 23,100 करोड़ रुपये मांग रही मोदी सरकार

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RBI से कम से कम 23,100 करोड़ रुपये मांग रही मोदी सरकार

केन्द्र की मोदी सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटे को कुल अर्थव्यवस्था का 3.3% रखने का लक्ष्य तय किया था। अब सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मदद मांगी है। दरअसल सरकार ने रिजर्व बैंक के अंतरिम लाभांश में से


RBI से कम से कम 23,100 करोड़ रुपये मांग रही मोदी सरकारकेन्द्र की मोदी सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटे को कुल अर्थव्यवस्था का 3.3% रखने का लक्ष्य तय किया था। अब सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मदद मांगी है। दरअसल सरकार ने रिजर्व बैंक के अंतरिम लाभांश में से 23,100 करोड़ रुपए की मांग की है।

सरकार ने रिजर्व बैंक से ये लाभांश 31 मार्च से पहले देने को कहा है। बता दें कि वित्तीय मामलों के सचिव सुभाष गर्ग वित्तीय वर्ष 2017-18 से ही केन्द्रीय बैंक के आकस्मिक आरक्षित फंड में से 13,100 करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब सरकार ने रिजर्व बैंक से जो 23,100 करोड़ रुपए की मांग की है, उनमें सुभाष गर्ग द्वारा मांगी गई 13,100 करोड़ रुपए की राशि भी शामिल है।

हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए थे कि राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए सरकार को रिजर्व बैंक के पैसे की जरुरत पड़ेगी। बीते साल 27 मार्च को भी आरबीआई ने अपने अंतरिम लाभांश में से सरकार को 10,000 करोड़ रुपए दिए थे। अब सरकार ने एक बार फिर रिजर्व बैंक के आकस्मिक आरक्षित फंड में से 10,000 करोड़ रुपए देने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए केन्द्र सरकार ने राजकोषीय घाटे को कुल जीडीपी का 3.3% यानि कि 6.24 ट्रिलियन रुपए रखने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन अप्रैल-नवंबर तक ही राजकोषीय घाटा तय लक्ष्य से बढ़कर 7.17 ट्रिलियन रुपए हो गया है।

ऐसे में सरकार को राजकोषीय घाटे के तय लक्ष्य को पाने के लिए करीब 1 लाख करोड़ रुपए की दरकार है। सूत्रों के अनुसार, इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार कुछ बड़ी कंपनियों के टैक्स रिफंड को भी वर्ष के अंत तक रोक सकती है।