आधे से ज्यादा जला पूर्णिमा का शरीर, मंगेतर ने जॉब छोड़कर की लड़की की सेवा और की शादी

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. home

आधे से ज्यादा जला पूर्णिमा का शरीर, मंगेतर ने जॉब छोड़कर की लड़की की सेवा और की शादी

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सागर के रहने वाले दवेंद्र ने कुछ ऐसा किया है की उसके घर में ही नहीं उसके सुसराल में भी उसकी इज्जत बहुत बढ़ गई। दवेंद्र की शादी इसी साल 26 जनवरी 2019 को होने वाली थी। शादी के कार्ड बाँट दिए गये थे और सब अपनी बहू आने का इन्तजार


आधे से ज्यादा जला पूर्णिमा का शरीर, मंगेतर ने जॉब छोड़कर की लड़की की सेवा और की शादीनई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सागर के रहने वाले दवेंद्र ने कुछ ऐसा किया है की उसके घर में ही नहीं उसके सुसराल में भी उसकी इज्जत बहुत बढ़ गई। दवेंद्र की शादी इसी साल 26 जनवरी 2019 को होने वाली थी। शादी के कार्ड बाँट दिए गये थे और सब अपनी बहू आने का इन्तजार कर रहे थे पर अचानक एक घटना घटी और सब धरा का धरा रह गया।

पूर्णिमा के साथ एक हादसा हुआ और शादी को टालना पड़ा। पूर्णिमा गरमपानी ले रही थी की अचानक उसका पैर फिसला और आग में झुलस गई, जिससे पूर्णिमा की काफी बॉडी जल गई थी। उसे इलाज के लिए भोपाल हॉस्पिटल ले जाया गया।

पूर्णिमा के भाई और पिता का निधन भी एक घटना के कारण हो गया था और पूर्णिमा और उसकी बहन प्राची की देखभाल उसकी मां करती थी ऐसे में बड़ी बेटी का शरीर पूरी तरह जल जाने से उन्हें संभालने वाला कोई नहीं था। रिश्ता भी ऐसे लग रहा था की टूट जाएगा पर कहते है ना कि माता पिता के संस्कार कहीं ना कहीं काम आते ही हैं। यहां भी ऐसा ही हुआ।

दवेंद्र को जब इस घटना का पता चला तो वो अपनी नौकरी छोड़कर सीधे पूर्णिमा के पास आ गया और उसकी देखभाल करने लगा, ऐसे में पूर्णिमा की माँ और बहन को बहुत सहारा मिला, दवेंद्र ने पूर्णिमा को इसी जली हालत में अपनाने का फैसला किया।

दवेंद्र कहते हैंकियदि यह घटना उनके यहाँ हो जाती तो हम क्या करते ? इसलिए मैं ऐसी घटना होने पर पूर्णिमा और उसके परिवार का साथ नहीं छोड़ूंगा। दवेंद्र 3 महीनो तक अपनी जॉब पर नहीं गए तो उन्हें जॉब छोड़नी पड़ी और उन्होंने पूर्णिमा की देखरेख और उसकी तीन सर्जरी करवाई।

पूर्णिमा ने अपने शब्दों में कहा की वो दवेंद्र जैसा पति पाकर दुनिया की सबसे खुशकिस्मत पत्नी बन गई है। वहीँ पूर्णिमा के परिवार वालों और माँ ने भी यह कहा कि दवेंद्र जैसा पति पूर्णिमा को मिला उसके साथ-साथ हमें एक सहारा भी मिला है जो हमें टूटने नहीं देता है। हमारी हर प्रॉब्लम में भी दवेंद्र उनके साथ खड़ा रहता है।