शेल्टर होम से बच्चियों की आवाजें सुन दहल जाते थे पड़ोसी

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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शेल्टर होम से बच्चियों की आवाजें सुन दहल जाते थे पड़ोसी

शेल्टर होम (आश्रय गृह) की शर्मिंदा कर देने वाली कहानियां धीरे धीरे सामने आने लगी हैं। राजधानी के एक निजी शेल्टर होम में पड़ताल में हैवानियत की घटना सामने आई है। यहां कोई बात न मानने पर छोटी बच्चियों तक को मिर्ची पाउडर डालकर उन्हें सजा दी जाती थी। सा


शेल्टर होम से बच्चियों की आवाजें सुन दहल जाते थे पड़ोसीशेल्टर होम (आश्रय गृह) की शर्मिंदा कर देने वाली कहानियां धीरे धीरे सामने आने लगी हैं। राजधानी के एक निजी शेल्टर होम में पड़ताल में हैवानियत की घटना सामने आई है। यहां कोई बात न मानने पर छोटी बच्चियों तक को मिर्ची पाउडर डालकर उन्हें सजा दी जाती थी। सामने आया है कि पड़ोसियों को बच्चियों के साथ हो रही अमानवीयता का पहले से पता था।

निजी शेल्टर होम के पड़ोस में रहने वाले लोग लड़कियों को दी जाने वाली यातनाओं से पहले से ही इससे वाकिफ थे। पड़ोसियों के मुताबिक दो माह पहले ही शेल्टर होम नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ है। यहां अक्सर उन्हें लड़कियों की चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई देती थी।

लड़कियों की आवाज सुनकर स्थानीय लोग शेल्टर होम में जाते थे और संचालिका को उन्हें ठीक से रखने की सलाह देकर बाहर आ जाते थे। इससे पूर्व शेल्टर होम कॉलोनी के बाहरी हिस्से में था, इसलिए लोगों को वहां चल रही गतिविधियों के बारे में ज्यादा पता नहीं था।

शेल्टर में रहने वाली लड़कियां स्कूल में अपने सहपाठियों और सहेलियों से भी यातनाओं का जिक्र करती थीं। लड़कियों के साथियों के मुताबिक उनके शरीर पर कई बार जख्म के निशान देखने को मिलते थे।

लड़कियां उन्हें बताती थी कि गलती करने पर खाना नहीं दिया जाता। साथ ही उनकी डंडे से पिटाई की जाती है। सहेलियां अपने घरों से उनके लिए खाना लाती थीं। इन लड़कियों में संचालिका का खौफ इतना था कि वह स्कूल में भी खाना डर-डर के खाती थीं।