फिरओन की जालिम कौम आशूरा को हुई थी गर्क...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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फिरओन की जालिम कौम आशूरा को हुई थी गर्क...

मुहम्मद फैज़ान इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के प्रथम माह मोहर्रम और इसकी दसवीं तारीख (आशूरा) की कुरआन व हदीस में तमाम फजीलतें बयान की गयी हैं। जिनमें से ही एक है हजरत मूसा अलेहिस्सलाम को फिरओन के लश्कर से निजात का वाक्या। इस वाक्ये की चर्चा पूरे विश्व में


फिरओन की जालिम कौम आशूरा को हुई थी गर्क...
मुहम्मद फैज़ान 
इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के प्रथम माह मोहर्रम और इसकी दसवीं तारीख (आशूरा) की कुरआन व हदीस में तमाम फजीलतें बयान की गयी हैं। जिनमें से ही एक है हजरत मूसा अलेहिस्सलाम को फिरओन के लश्कर से निजात का वाक्या। 

इस वाक्ये की चर्चा पूरे विश्व में की जाती है। क्योंकि खास बात यह है कि फिरओन की लाश बिना किसी कैमिकल लगाए ही हजारों सालों से कयामत तक की नस्लों के लिए निशानी के तौर पर रखी हुई है।

मस्जिद उम्मे आयशा के खादिम मौलाना अब्दुल गफ्फार ने बताया कि हजरत मूसा अलेहिस्सलाम की पैदाइश से पहले फिरओन को नजूमियों ने यह खबर दी कि बनी इस्राईल में एक लड़का ऐसा पैदा होने वाला है जो तुम्हारी सलतनत को बरबाद कर देगा। 

इस खबर के मिलने के बाद फिरओन ने यह हुक्म जारी कर दिया कि कोमे बनी इस्राईल में जो भी लड़का पैदा हो उस को कत्ल कर दिया जाए और लड़कियों को छोड़ दिया जाए। मगर मशीइते खुद बन्दी के सामने फिरओन की तदबीर कामयाब न हो सकी। हजरत मूसा अलेहिस्सलाम बनी इस्राईल के एक घर में पैदा हुए और मूसा अलेहिस्सलाम की वाल्दा (मां) ने मूसा अलेहिस्सलाम को लकड़ी के एक सन्दूक में बंद करके अपनी बेटी मरयम के हवाले करते हुए कहा कि इस सन्दूक को दरयाए नील में इस तरह डालना कि किसी को इस का पता न लगे। 

लिहाजा मरयम ने ऐसा ही किया और उस संदूक के पीछे इस तरह चलती रहीं कि किसी को इस का पता न चले कि कोई संदूक की निगरानी कर रहा है। संदूक तैरता हुआ दरयाऐ नील में जब फिरओन के महल के नीचे पहुंचा तो फिरओन की बीवी ने उस को देख लिया और संदूक को फिरओन के घर वालों ने दरयाए नील से निकाल लिया। फिरओन की बीवी ने कहा कि यह मेरी और तुम्हारी आंखों की ठंडक है, इस को कत्ल न कर। शायद यह हमको नफा दे या हम इस को अपना बेटा बना लें। जबकि वो अंजाम से बेखबर थे। 

उस के बाद अल्लाह तआला ने हजरत मूसा अलेहिस्सलाम की वाल्दा को ही फिरओन की बीवी आसिया ने दूध पिलाने के लिए मुकर्रर कर दिया। क्योंकि मूसा अलेहिस्सलाम ने किसी और औरत का दूध नहीं पिया। इसी तरह अल्लाह तआला ने फिरओन के महल में फिरओन के हाथों से फिरओन के दुश्मन मूसा अलेहिस्सलाम की परवरिश करायी।

फिर अल्लाह तआला ने मूसा अलेहिस्सलाम को चालीस साल की उम्र में नबवत व रिसालम से नवाज़ा। एक दिन आप शहर में दाखिल हुए तो दो आदियों को लड़ाई में मशरूफ पाया। जिनमें से एक हजरत मूसा अलेहिस्सलाम की कौम बनी इस्राईल में से था और दूसरा फिरओन की कौम (यानि किब्ती था)। मूसा अलेहिस्सलाम ने जालिम किब्ती के एक मुक्का मारा तो वह वहीं मर गया। 

फिर दूसरे दिन मूसा अलेहिस्सलाम शहर में दाखिल हुए तो अचानक देखा कि वही शख्स जिस ने कल उनसे मदद तलब की थी फिर किसी दूसरे से लड़ रहा है और मूसा अलेहिस्सलाम को मदद के लिए पुकार रहा है। मूसा अलेहिस्सलाम ने उस से कहा कि तू गुमराह और झगड़ा करने वाला है। इतने पर उस शख्स ने चीखना शुरू किया कि जिस तरह तुमने एक शख्स को मारा था इसी तरह मुझे भी मारना चाहते हो। 

यह खबर शहर में फैल गयी कि कल जिस का कत्ल हुआ था। उसके कातिल मूसा अलेहिस्सलाम हैं। इसी दरमियान एक शख्स मूसा अलेहिस्सलाम के पास दौड़ता हुआ आया और बोला कि मूसा तुम्हारे बारे में बड़े-बड़े लोग मश्वरे कर रहे हैं कि तुम्हें मार डालें। तुम यहां से निकल जाओं। मूसा अलेहिस्सलाम अपनी कौम बनी इस्राईल को लेकर शहर से निकल गए। 

फिरओन को जब मालूम हुआ तो फिरओन एक लश्कर तैयार करके अपने साथ लेकर रवाना हो गया ताकि मूसा अलेहिस्सलाम को गिरफ्तार कर सके। दरयाए नील पर मूसा अलेहिस्सलाम अपनी कौम के साथ पहुंचे तो पीछे से फिरओन और उसका लश्कर भी नजर आया। 

मूसा अलेहिस्सलाम ने अल्लाह से दुआ की तो अल्लाह ने दरयाए नील में हजरत मूसा अलेहिस्सलाम को रास्ता दे दिया। जिससे मूसा अलेहिस्सलाम अपनी कौम के साथ दरया के पार हो गए। फिरओन और उसका लश्कर भ इसी रास्ते में दरयाए नील में घुसा तो अल्लाह ने पानी को हुक्म दिया कि बराबर हो जाओ। पानी मिल गया और फिरओन अपने लश्कर के साथ इसी आशूरा के दिन दरयाए नील में गर्क हो गया।