अलीगढ़ लाइव मुठभेड़ पर रिहाई मंच ने डीजीपी को भेजा पत्र

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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अलीगढ़ लाइव मुठभेड़ पर रिहाई मंच ने डीजीपी को भेजा पत्र

लखनऊ। मीडिया को बुलाकर दो युवकों की मुठभेड़ में हत्या को रिहाई मंच ने योगी सरकार की आपराधिक कार्रवाई बताया। मंच ने आरोप लगाया कि आजमगढ़ में मुठभेड़ के नाम पर हत्या और गोली मारकर जख्मी किए जाने के 5 से अधिक मामलों में आजमगढ़ के तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी


अलीगढ़ लाइव मुठभेड़ पर रिहाई मंच ने डीजीपी को भेजा पत्रलखनऊ। मीडिया को बुलाकर दो युवकों की मुठभेड़ में हत्या को रिहाई मंच ने योगी सरकार की आपराधिक कार्रवाई बताया। मंच ने आरोप लगाया कि आजमगढ़ में मुठभेड़ के नाम पर हत्या और गोली मारकर जख्मी किए जाने के 5 से अधिक मामलों में आजमगढ़ के तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी ही थे। ऐसे में मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर घटना की जांच करवाए।

मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए रिहाई मंच ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला राज्य-प्रायोजित एनकाउंटर पॉलिटिक्स का विस्तार है। सवाल उठाने वालों को नोटिस भेजने की बात करने वाले अजय साहनी को बताना चाहिए कि आजमगढ़ में मुकेष राजभर जिसे कानपुर से उठाकर मारा गया था उसके परिजनों ने तो साहनी को सूचना दी थी। निष्पक्ष जांच न्याय का अधार होती है उसकी मांग करने वालों को नोटिस भेजने वाले साहनी के काॅल रिकार्ड से निकलेगी फर्जी मुठभेड़ों की हकीकत।

साहनी के अलीगढ़ जाते ही जिन्ना विवाद के नाम पर एएमयू के छात्रों पर लाठी बरसाई गई और अब फर्जी मुठभेड़ को छिपाने के लिए हिंदू पुजारी की हत्या का मामला बनाकर योगी की सांप्रदायिक राजनीति को चारा देने का काम किया जा रहा है।