VVPAT से मिलान के चलते 23 को नहीं 28 मई को आ पाएंगे नतीजे

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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VVPAT से मिलान के चलते 23 को नहीं 28 मई को आ पाएंगे नतीजे

लोकसभा चुनाव 2019 में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मिलान के मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया अगर ईवीएम और वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की मांग


VVPAT से मिलान के चलते 23 को नहीं 28 मई को आ पाएंगे नतीजेलोकसभा चुनाव 2019 में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मिलान के मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया अगर ईवीएम और वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की मांग मान ली जाती है, तो चुनाव के नतीजे आने में 5 दिन ज्यादा लग सकते हैं. चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, सात फेज में वोटिंग के बाद आम चुनाव के बाद नतीजे 23 मई को आने हैं.
चुनाव आयोग का कहना है, अगर हर संसदीय या विधानसभा क्षेत्र की 50 प्रतिशत वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाएगा, तो इससे गिनती करने का वक्त बढ़ेगा. ऐसे में नतीजे 23 मई की जगह 28 मई को आएंगे.
बता दें कि वीवीपीएटी पर्चियों के ईवीएम मशीनों के साथ मिलान की मांग को लेकर विपक्ष के करीब 21 नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. विपक्ष की मांग है कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों की मिलान किया जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता पर आंच न आए. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विचार करने को कहा था, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई. मामले में अगली सुनवाई 1 अप्रैल को होगी.
इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम और वीवीपीएटी मामले को लेकर चुनाव आयोग से पूछा था कि अगर कोर्ट इस मामले पर कोई आदेश देता है, तो आयोग को उसे मानने में क्या दिक्कत है. कोर्ट ने आयोग से गुरुवार तक जवाब मांगा था.
आयोग ने तब भी मांग का विरोध करते हुए कहा था कि इसे बढ़ाने की ज़रूरत नहीं है. आयोग ने दलील दी थी कि अभी प्रति विधानसभा दर से वीवीपीएटी मिलान होता है और उसमें कभी अंतर नहीं पाया गया. आयोग ने कहा कि वह खुद चुनाव प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए समय समय पर कदम उठाता रहता है.