रिहाई मंच ने की 'गोडसे अमर रहें' कहने वालों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग
लखनऊ। रिहाई मंच ने गोडसे अमर रहें कहने वालों पर यूपी डीजीपी से मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। इस ईमेल की कॉपी रिहाई मंच ने UPUKLive को भी भेजी है। जिसमें उन्होंने लिखा है- इंटरनेट के जरिए कुछ लोग देश के निवासियों में दुर्भावना फैलाकर महात्मा गांधी
लखनऊ। रिहाई मंच ने गोडसे अमर रहें कहने वालों पर यूपी डीजीपी से मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। इस ईमेल की कॉपी रिहाई मंच ने UPUKLive को भी भेजी है।
जिसमें उन्होंने लिखा है- इंटरनेट के जरिए कुछ लोग देश के निवासियों में दुर्भावना फैलाकर महात्मा गांधी के मानने वालों पर हमलावर हैं और उन्हें आतंकित करने में लगे हैं। 2 अक्टूबर 2019 को अजय दीप झंग के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि #गोडसे_अमर_रहें, हम सभी आपके गुनाह गार हैं आपकी अस्थियां आज तक विसर्जित नहीं हो पाई, आपने एक राष्ट्र की कल्पना की थी। विनम्र श्रद्धांजलि। दीपक कुमार नाम के हैंडल से ट्वीट किया गया है- बापु नोट पर हो इसलिए दिमाग में हो वरना दिल में तो #गोडसे है! #गोडसे_अमर_रहें। ठाकुर साहब नाम के हैंडल से ट्वीट किया गया अगर #भगतसिंह को फांसी नही होती तो #भारत उसी वक़्त #आज़ाद हो जाता। लेकिन किसी को #credit जो चाहिए थी आजादी की। समझ गए न सब? #गोडसे_अमर_रहें। गांधी जी की हत्या में गोडसे को सजा हुई। शांति और अहिंसा के पुजारी के हत्यारे को महिमा मंडित कर कुछ
असामाजिक तत्व देश में अस्थिरता फैलाने के उद्देश्य से महात्मा गांधी के मानने वालों को आतंकित कर रहे हैं। यही शक्तियां गोडसे के नाम पर देश में अतिवाद और आतंकवाद फैला रही हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतिवाद के रास्ते पर जाने वालों को रोकने के लिए डी-रेडिकलाईजेशन का अभियान चलाया लेकिन उसका प्रयोग #गोडसे_अमर_रहें जैसा कहने वाले अतिवादियों के लिए नहीं है। इस कारण यह अतिवाद भयावह रुप ले रहा है। गांधी जी पर इस प्रकार का ट्वीट करने वाले लोगों ने जो अपराध कारित किया है, वह धारा 505.1.(ख) भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है।
जिसमें उन्होंने लिखा है- इंटरनेट के जरिए कुछ लोग देश के निवासियों में दुर्भावना फैलाकर महात्मा गांधी के मानने वालों पर हमलावर हैं और उन्हें आतंकित करने में लगे हैं। 2 अक्टूबर 2019 को अजय दीप झंग के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि #गोडसे_अमर_रहें, हम सभी आपके गुनाह गार हैं आपकी अस्थियां आज तक विसर्जित नहीं हो पाई, आपने एक राष्ट्र की कल्पना की थी। विनम्र श्रद्धांजलि। दीपक कुमार नाम के हैंडल से ट्वीट किया गया है- बापु नोट पर हो इसलिए दिमाग में हो वरना दिल में तो #गोडसे है! #गोडसे_अमर_रहें। ठाकुर साहब नाम के हैंडल से ट्वीट किया गया अगर #भगतसिंह को फांसी नही होती तो #भारत उसी वक़्त #आज़ाद हो जाता। लेकिन किसी को #credit जो चाहिए थी आजादी की। समझ गए न सब? #गोडसे_अमर_रहें। गांधी जी की हत्या में गोडसे को सजा हुई। शांति और अहिंसा के पुजारी के हत्यारे को महिमा मंडित कर कुछ
असामाजिक तत्व देश में अस्थिरता फैलाने के उद्देश्य से महात्मा गांधी के मानने वालों को आतंकित कर रहे हैं। यही शक्तियां गोडसे के नाम पर देश में अतिवाद और आतंकवाद फैला रही हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतिवाद के रास्ते पर जाने वालों को रोकने के लिए डी-रेडिकलाईजेशन का अभियान चलाया लेकिन उसका प्रयोग #गोडसे_अमर_रहें जैसा कहने वाले अतिवादियों के लिए नहीं है। इस कारण यह अतिवाद भयावह रुप ले रहा है। गांधी जी पर इस प्रकार का ट्वीट करने वाले लोगों ने जो अपराध कारित किया है, वह धारा 505.1.(ख) भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है।