कई मत्रियों से सरिता ने संबंध बनाए, CM तक इसके खेल से नहीं बच पाए

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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कई मत्रियों से सरिता ने संबंध बनाए, CM तक इसके खेल से नहीं बच पाए

केरल की राजनीति में उथल पुथल मचा देने वाले सोलर पैनल घोटाले के केंद्र में खड़ी हैं सरिता नायर। पैसे और पॉवर का खेल से’क्स के रिमोट से खेलने वाली सरिता कोई पहली महिला नहीं हैं पर फिर भी हैरानी होती है कि एक साधारण से बैक ग्राउंड से आयी एक औरत करोड़ों


कई मत्रियों से सरिता ने संबंध बनाए, CM तक इसके खेल से नहीं बच पाएकेरल की राजनीति में उथल पुथल मचा देने वाले सोलर पैनल घोटाले के केंद्र में खड़ी हैं सरिता नायर। पैसे और पॉवर का खेल से’क्‍स के रिमोट से खेलने वाली सरिता कोई पहली महिला नहीं हैं पर फिर भी हैरानी होती है कि एक साधारण से बैक ग्राउंड से आयी एक औरत करोड़ों की हेर फेर कर देती है और किसी को कानो कान खबर नहीं होती।

सरिता नायर ने अपने लिव इन पार्टनर बिजू राधाकृष्णन के साथ सोलर नाम से एक फर्म खोली थी। इस फर्म ने सोलर पैनल देने के नाम पर कई निवेशकों से बड़ी धनराशि एकत्र की। लेकिन करोड़ों रुपये लेने के बाद भी कंपनी ने लोगों को उपकरण नहीं दिए। नतीजा ये हुआ की कई शिकायतें मिलने पर पुलिस ने दोनों को गिर फ्तार कर लिया। तब सामने आया कि इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री के निजी सचिव और एक टीवी अभिनेत्री भी शामिल हैं।

पुलिस की जांच कहती है कि धोखाधड़ी के लिए मुख्यमंत्री ओमान चांडी के निजी सचिव टेन्नी जोपान और जिकुमॉन जैकब तथा सुरक्षाकर्मी सलीम राज का इस्तेमाल किया था। शुरुआती जांच में पाया गया है कि जोपान ने पिछले 15 महीने में नायर से 800 बार से ज्‍यादा बार फोन पर संपर्क किया जबकि जबकि राज और जैकब ने भी अपने फोन से उससे 400 बार के करीब बात की।

कहा तो ये भी जा रहा है कि दरसल इस मामले खुद जबके मुख्‍यमंत्री चांडी संलिप्‍त हैं और उन्‍होंने करोड़ों कमाये हैं। क्‍योंकि अब तक चांडी अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखते थे और अपने उपरोक्‍त बताये गए स्‍टाफ का ही फोन इस्‍तेमानल करते थे। फोन उन्‍होंने इस घोटाले के सामने आने के बाद इस्‍तेमाल करना प्रारम्‍भ किया है।

36 साल की सरिता नायर ने आज केरल की राजनीति को विस्‍फोटक हालत में पहुंचा दिया उसने एक छोटे-से कस्बे से शेयर दलाल के रूप में करियर की शुरुआत की थी। लोग आज उसे सोलर सरिता के नाम से भी पहचानने लगे हैं। लेकिन यहां आने से पहले वो एक लंबा सफर तय करके आयी है। सरिता ने तिरुअनंतपुरम से लगभग 100 किलोमीटर दूर बसे कस्बे चेनगन्नूर में अपना शैक्षिणिक रास्‍ता तय करना शुरू किया जहां वो अपने स्कूल में टॉपर रही थी।

टीन एज में ही सरिता के पिता का देहांत हो गया था वे एक क्लर्क थे। उन्‍होंने कर्जे से बचने के लिए आत्‍महत्‍या की पर उसके बाद उनका परिवार वित्तीय संकट से घिर गया। जिसके बाद उनकी मां ने काम करके परिवार का पालन पोषण करना शुरू किया। 18 साल की उम्र में सरिता का विवाह किसी खाड़ी देश में काम करने वाले राजेंद्रन से हो गया। जिससे उसकी दो संतानें हुईं। बाद में दोनों का तलाक हो गया। इस दौरान सरिता ने इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्युनिकेशन, एयरक्राफ्ट मैन्टेनेंस और इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल कर लिया था।

सरिता ने पहली नौकरी एक शेयर ब्रोकर फर्म में नौकरी की उसके बाद उसने केरल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में काम किया। यहीं उसकी मुलाकात बीजू राधाकृष्णन से हुई। अजीब से हालात में बीजू की पत्‍नी की मौ’त के पहले ही दोनों ने लिव इन में रहना शुरू कर दिया था। पत्‍नी मौत के बाद पुलिस से बचने के लिए बीजू सरिता को लेकर तमिलनाडु के कोयंबटूर चला आया। यहां आकर उसने अपना नाम नंदिनी नायर रख लिया और खुद को चार्टर्ड एकाउंटेंट बताने लगी। बीजू ने भी अपना चोला बदल लिया और कभी खुद को स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर कभी आईएएस अफसर बताता था, जिसने सौर तथा गैर-पारंपरिक ऊर्जा विषय में डॉक्टरेट हासिल करने के लिए नौकरी छोड़ दी है। दोनों ने कई बोगस कंपनियां शुरू कीं जिनमें जरिये कम ब्याज पर ऋण देने के वादे या निवेशकों को फर्जी योजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाता था।

इसके बाद इन्‍होंने अपना असली खेल शुरू किया जो आज इस मुकाम पर पहुंचा है। ये लोग बड़े नामों का इस्तेमाल करके अपना काम करते। पहले सरिता किसी निवेशक या प्रमोटर से अपनी योजना के बारे में बात करती और उसके रुचि लेने पर अगला फोन बीजू करता था। अक्‍सर वो ऐसा जताता था कि वो लंदन से बोल रहा है। ये दोनों ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते थे जिसमें बड़े पालिटीशियन को इनवाइट किया जाता था। वे उनके साथ संपर्क बढ़ाते और फोटो खिंचवा कर अपने प्रभाव वाले दायरे को बढ़ाते थे। बाद कुछ लोग शक होने या नुकसान होने पर केस भी करते थे जिसके चलते 2010 तक सरिता और बीजू के खिलाफ 20 से भी ज़्यादा मामले दर्ज हो चुके थे। पर उनके इंफ्ल्‍युएंशंल दोस्‍तों का दायरा भी काफी बढ़ा हो चुका था।

इन्‍होंने लक्ष्मी नायर और डॉ आरबी नायर नाम से 2011 में टीम सोलर बनाई लेकिन कंपनी को अपने वास्तविक नामों से ही रजिस्टर्ड कराया। इसके बाद दोनों ने मुख्यमंत्री ओमेन चांडी के निजी स्टाफ से संपर्क किया, और टीम सोलर की ओर से एक राहत कोष में कुछ दान करने के बारे में बात की। इस तरह इनका स्‍टाफ से संपर्क मजबूत हुआ। जिसका जरिए मुख्यमंत्री कार्यालय से हासिल हुई जानकारी का इस्तेमाल सरिता ने लोगों को प्रभवित करने और अपने क्लायंटस पर दवाब बनाने के लिए किया। उसने राज्य के कई मंत्रियों सहित बहुत-से राजनेताओं तक पहुंच बना ली..शारी’रिक संबंधों वाली पहुंच। सरिता से संबंध के चलते एक मंत्री को अपनी पत्‍नी पर घरेलू हिंसा के आरोप में इस्तीफा तक देना पड़ा था।

इस समय सरिता और बीजू पर सोलर घोटाले में व्यापारियों को बेवकूफ बनाकर छह करोड़ रुपये कमाने का आरोप है। उन्‍हें 2013 में गिरफ्तार करने से पहले भी दो बार गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वे जमानत पर छूट गए थे। बीजू को पत्नी की मौत जिसे पहले आत्महत्या कहा गया था के मामले में क्राइम ब्रांच की जांच के बाद हत्या के आरोप में उम्रकैद हो गयी है। जेल में सरिता ने एक पत्र लिखा है और उसमें कई वीआईपी हस्‍तियों के नाम दर्ज किए हैं जिसे कोर्ट के हवाले किया जाएगा। पता चला है कि सरिता से जेल में मिलने के लिए कई राजनेताओं समेत बहुत-से हाई-प्रोफाइल लोगों ने प्रयास किए हैं। फिलहाल अब इस डूबती नाव में कई राजनैतिक हस्‍तियों का भविष्‍य भी डांवाडोल हो रहा है।