रहस्यों से भरी है महिला नागा साधुओं की ज़िन्दगी
पुरुष नागाओं के बारे में तो आपने खूब सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुष नागाओं के अलावा यहां महिला नागा भी आती हैं और ठीक वैसे ही रहती हैं जैसे पुरुष नागा साधू रहते हैं तो ऐसे में आज हम आपको महिला नागा साधुओं की रहस्यों से भरी ज़िंदगी के बारे
पुरुष नागाओं के बारे में तो आपने खूब सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुष नागाओं के अलावा यहां महिला नागा भी आती हैं और ठीक वैसे ही रहती हैं जैसे पुरुष नागा साधू रहते हैं तो ऐसे में आज हम आपको महिला नागा साधुओं की रहस्यों से भरी ज़िंदगी के बारे में बताने जा रहे हैं।
बता दें कि महिला साधू बनने पहले साधु-संत महिला के घर परिवार और पिछले जीवन की जांच-पड़ताल करते है ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे पता किया जा सके कि वो साधू बनने लायक है या नहीं। नागा साधू बनने से पहले महिलाओं से खुद का पिंडदान और तर्पण करवाया जाता है।
इसके बाद महिला नागा साधुओं का मुंडन किया जाता है और नदी में स्नान करवाया जाता है। जब महिला नागा साधू बन जाती है तो अखाड़े के सभी साधु-संत इन्हे माता कहकर सम्बोधित करते है। महिला नागा सन्यासिन माथे पर तिलक और सिर्फ एक भगवा चोला धारण करती है। महिलाओं को नागा बनने से पहले साबित करना पड़ता है कि उन्हें दुनिया से कोई मोह नहीं है, तब जाकर उन्हें दीक्षा दी जाती है।
कुंभ में महिला नागाओं को नग्न स्नान की अनुमति नहीं दी जाती है। महिला नागाओं को अपने परिवार से सभी संपर्क ख़त्म करने होते हैं। महिला नागा साधू दोपहर के भोजन के बाद सिर्फ भगवान का जाप करती हैं। महिला नागा साधू बनना किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता है और कदम-कदम पर उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि महिला साधू बनने पहले साधु-संत महिला के घर परिवार और पिछले जीवन की जांच-पड़ताल करते है ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे पता किया जा सके कि वो साधू बनने लायक है या नहीं। नागा साधू बनने से पहले महिलाओं से खुद का पिंडदान और तर्पण करवाया जाता है।
इसके बाद महिला नागा साधुओं का मुंडन किया जाता है और नदी में स्नान करवाया जाता है। जब महिला नागा साधू बन जाती है तो अखाड़े के सभी साधु-संत इन्हे माता कहकर सम्बोधित करते है। महिला नागा सन्यासिन माथे पर तिलक और सिर्फ एक भगवा चोला धारण करती है। महिलाओं को नागा बनने से पहले साबित करना पड़ता है कि उन्हें दुनिया से कोई मोह नहीं है, तब जाकर उन्हें दीक्षा दी जाती है।
कुंभ में महिला नागाओं को नग्न स्नान की अनुमति नहीं दी जाती है। महिला नागाओं को अपने परिवार से सभी संपर्क ख़त्म करने होते हैं। महिला नागा साधू दोपहर के भोजन के बाद सिर्फ भगवान का जाप करती हैं। महिला नागा साधू बनना किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता है और कदम-कदम पर उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।