फ्री में गरीबों का पेट भरता है ये इंडियन...

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फ्री में गरीबों का पेट भरता है ये इंडियन...

नई दिल्ली। इंडियन फ्यूजन एक कैनेडियन रेस्टोरेंट है, जो कनाडा के एडमॉनटन, एलबर्टा में स्थित है। ये रेस्टोरेंट भूखे लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। भारतीय मूल के प्रकाश छिब्बर के इस रेस्टोरेंट में ऐसे लोगों का स्वागत किया जाता है, जिनके पास ख


फ्री में गरीबों का पेट भरता है ये इंडियन...नई दिल्ली। इंडियन फ्यूजन एक कैनेडियन रेस्टोरेंट है, जो कनाडा के एडमॉनटन, एलबर्टा में स्थित है। ये रेस्टोरेंट भूखे लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। 

भारतीय मूल के प्रकाश छिब्बर के इस रेस्टोरेंट में ऐसे लोगों का स्वागत किया जाता है, जिनके पास खाने के लिए पैसे न हों। गरीब और मजबूर लोग यहां नियमित ग्राहक की तरह आकर खाने का लुत्फ उठा सकते हैं। रेस्टोरेंट में भूखे लोगों को सिर्फ खाना ही नहीं दिया जाता है, उनकी पसंद का ख्याल भी रखा जाता है। 

लोगों से वेज और नॉनवेज की पसंद पूछी जाती है। साथ ही किसी चीज से एलर्जी या परहेज हो तो उसका भी ध्यान रखा जाता है। आजकल सोशल मीडिया पर प्रकाश छिब्बर की स्टोरी को काफी शेयर किया जा रहा है।

इस रेस्टोरेंट के पिछले दरवाजे पर एक साइन बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है जिस भी व्यक्ति को खाने की जरूरत है वह यहां फ्री में खाना खा सकता है, हम उसको अंदर आने का न्यौता देते हैं। 

रेस्टोरेंट के पिछले दरवाजे पर ये लिखा है - प्रिय दोस्तों, अगर आप भूखे हैं और आपके पास पैसे नहीं है तो आप नीचे लगी बेल को बजाइए या फिर फ्री मील/कॉफी के लिए अंदर आ जाइए। इतना ही इस रेस्टोरेंट के दरवाजे पर यह भी लिखा है कि आपको कैसा खाना खाना है, वेज या नॉन वेज। इसके अलावा ड्रिंक्स के ऑप्शन भी इस पर लिखे हैं।

छिब्बर के अनुसार इस रेस्टोरेंट की शुरूआत उन्होंने साल 2009 में की थी और फ्री मील पिछले 2 सालों से रेस्टोरेंट में दिया जा रहा है। जबकि दरवाजे पर इस तरह के साइन की शुरूआत उन्होंने 6 महीनें पहले ही की है। छिब्बर बताते हैं कि कई लोग दरवाजे पर साइन देखकर उनके रेस्टोरेंट में आते हैं। 

कई बार एक दिन में तीन से दस लोग रेस्टोरेंट में खाना खाने आते हैं और कई बार कोई भी दरवाजे पर रिंग नहीं करता। छिब्बर इस तरह ज्यादा से ज्यादा लोगों का पेट भरना चाहते हैं।

डेनियेला टिनटिनएग्लिया, एडमॉनटन की रहने वाली एक लोकल महिला है। उन्होंने इंडियन फ्यूजन के बाहर यह साइन बोर्ड लगा देख कर इसकी एक फोटो क्लिक कर ली और इसे इमेजर पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद सिर्फ दो ही दिनों में करीब दो मिलियन लोगों ने इस साइन बोर्ड को देख लिया। 

वह बताती हैं कि उन्होंने कभी भी यहां का खाना नहीं खाया, लेकिन अब वह यहां का खाना खाकर छिब्बर को उनके इस अच्छे काम के लिए धन्यवाद देना चाहती हैं।