ये है दुनिया की सबसे महंगी दूसरी तस्वीर, जो खींची गई अनजाने में!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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ये है दुनिया की सबसे महंगी दूसरी तस्वीर, जो खींची गई अनजाने में!

आज हम आपको एक ऐसी तस्वीर के बारे में बताने जा रहे जिसका कोई मोल नही है। और इस तस्वीर को आपने अक्सर अपने डेस्क बोर्ड या लैपटॉप की स्क्रीन पर देखा होगा या लगाया होगा। जी हां एक अरब से ज्यादा लोगों के कंप्यूटर डेस्कटॉप पर सज चुके इस वॉलपेपर की कहानी बे


ये है दुनिया की सबसे महंगी दूसरी तस्वीर, जो खींची गई अनजाने में!
आज हम आपको एक ऐसी तस्वीर के बारे में बताने जा रहे जिसका कोई मोल नही है। और इस तस्वीर को आपने अक्सर अपने डेस्क बोर्ड या लैपटॉप की स्क्रीन पर देखा होगा या लगाया होगा। जी हां एक अरब से ज्यादा लोगों के कंप्यूटर डेस्कटॉप पर सज चुके इस वॉलपेपर की कहानी बेहद मजेदार है। माइक्रोसॉफ्ट को अपना सबसे बेहतरीन वॉलपेपर एक ज़बरदस्त कीट संक्रमण के कारण मिला।
1990 के दशक में अमेरिका की नापा वैली की पूरी अंगूर फसल में ऐसा कीट संक्रमण हुआ की वैली तबाह हो गई। इस तबाही ने वैली से अंगूर की फसल हटाकर एक हरा खूबसूरत समतल मैदान तैयार कर दिया। एक ऐसा मैदान जहां से एक तस्वीर खींची गई जिसका नाम 'ब्लिस' रखा गया। ब्लिस का हिंदी में शाब्दिक अर्थ है परम सुख।
परम सुख की अनुभूति देने वाला मैदान जिसपर नीला आकाश अठखेलियां करता नज़र  आता है। यह तस्वीर फोटोग्राफर चार्ल्स ओ रियर ने 1996 की जनवरी में खींची। तस्वीर लेते वक़्त चार्ल्स को यह आभास बिलकुल नहीं था कि यह तस्वीर उनका नाम इतिहास में दर्ज करवा देगी। माइक्रोसॉफ्ट का वॉलपेपर 'ब्लिस' पृथ्वी पर सबसे ज़्यादा देखा गया और सर्वाधिक जगहों पर पहचाना जाने वाला वॉलपेपर है।
जिस दिन चार्ल्स ने यह तस्वीर ली, वे छुट्टी पर थे और सैन फ्रांसिस्को शहर के पास अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहे थे। उन्हें यह दृश्य इतना खूबसूरत लगा कि वे छुट्टी पर खुद को तस्वीर लेने से रोक नहीं पाए। 2001 में जब माइक्रोसॉफ्ट जब अपना नया ऑपरेटिंग सिस्टम ला रहा था तो उन्होंने चार्ल्स की इस तस्वीर को अपना डिफाल्ट वॉलपेपर बना डाला।
तस्वीर लेने के पांच साल बाद 2001 में चार्ल्स को एक रोज़ उनके जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण फ़ोन आया। माइक्रोसॉफ्ट ने चार्ल्स से उनकी यह तस्वीर अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए मांग ली थी। चार्ल्स भी माइक्रोसॉफ्ट को तस्वीर के सभी अधिकार बेचने को तैयार हो गए।
यहां लेकिन एक समस्या आ खड़ी हुई। माइक्रोसॉफ्ट ने तस्वीर की कीमत इतनी लगा दी थी कि कोई भी कुरियर कंपनी तस्वीर के नेगेटिव माइक्रोसॉफ्ट के दफ्तर पहुंचाने को तैयार नहीं हुई। कम्पनिओं को डर था कि यदि नेगेटिव खो गए तो उन्हें करोड़ों का नुक़सान न भुगतना पड़ जाए। इसलिए चार्ल्स को खुद फ्लाइट लेके सीएटल में माइक्रोसॉफ्ट के हेडक्वार्टर जाकर नेगेटिव डिलीवर करने पड़े।
हालांकि अपने कॉन्ट्रैक्ट के तहत चार्ल्स ने यह तो नहीं बताया कि तस्वीर कितने में बिकी लेकिन वे यह ज़रूर कहते हैं कि यह विश्व की दूसरी सबसे महंगी एकल तस्वीर है। इससे ऊपर अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मोनिका लेविंस्की को बाहों में भरते हुए की तस्वीर है जो और भी महंगी बिकी थी।