यहां दो शादियां करने की परम्परा, पत्नी को नहीं होता कोई ऐतराज
नई दिल्ली। राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव देरासर में एक पुरूष को दो शादियां करनी पड़ती हैं। ऐसा कहा जाता है इस गांव में 70 मुस्लिम परिवार रहते हैं, जहां इस छोटी सी आबादी वाले गांव में एक अजब ही तरह की परंपरा है। यहां कि परंपरा के अनुसार
नई दिल्ली। राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव देरासर में एक पुरूष को दो शादियां करनी पड़ती हैं। ऐसा कहा जाता है इस गांव में 70 मुस्लिम परिवार रहते हैं, जहां इस छोटी सी आबादी वाले गांव में एक अजब ही तरह की परंपरा है।
यहां कि परंपरा के अनुसार हर लड़के को दो शादी करनी पड़ती है, बताया जाता है इस गांव में पहली शादी से किसी को भी संतान नहीं होती है।
इसी कारण सभी को दो शादी करनी पड़ती है और ये प्रथा कई सालों से चली आ रही है। जानकारी के लिए बता दें कि गाँव के लोग कहते हैं कि, उन्हें दूसरी पत्नी से ही संतान सुख मिलता है। वहीं अपने पति की दूसरी शादी से पहली पत्नी को कोई आपत्ति नहीं होती है, यह तीनो साथ मिलकर रहते हैं।
यहां कि परंपरा के अनुसार हर लड़के को दो शादी करनी पड़ती है, बताया जाता है इस गांव में पहली शादी से किसी को भी संतान नहीं होती है।
इसी कारण सभी को दो शादी करनी पड़ती है और ये प्रथा कई सालों से चली आ रही है। जानकारी के लिए बता दें कि गाँव के लोग कहते हैं कि, उन्हें दूसरी पत्नी से ही संतान सुख मिलता है। वहीं अपने पति की दूसरी शादी से पहली पत्नी को कोई आपत्ति नहीं होती है, यह तीनो साथ मिलकर रहते हैं।