DM आनन्द रहें सतर्क: आस्तीन के सांप खेल रहे हैं चुम्मा-चुम्मा!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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DM आनन्द रहें सतर्क: आस्तीन के सांप खेल रहे हैं चुम्मा-चुम्मा!

DM आनन्द रहें सतर्क: आस्तीन के सांप खेल रहे हैं चुम्मा-चुम्मा!


बांदा। जिले में बालू खनन को लेकर जिलाधिकारी आनन्द सिंह औऱ अवैध खनन एंव ओवर लोडिंग करनें- कराने बालों में जंग सी छिड़ी है। डीएम आनन्द सिंह के आधीनस्थ अधिकांश संबंधित अधिकारी “आस्तीन के सांप” की भूमिका में हैं। इसमें खनिज औऱ आरटीओ विभाग एंव पुलिस में तो विशेष आपसी चुम्मा-चुम्मा चल रहा है। कथित गठजोड़ के तहत इन सभी में”फ्लाइंग किस”बेधड़क चल रही है।

परिणाम स्वरूप ओवर लोडिंग चरम पर है। तमाम दावों और सख्ती के बावजूद खदानों से ओवरलोडिंग जारी है जो सड़कों से बेरोक-टोक गुजर रही हैं। सड़कों पर ओवरलोड बालू लदे ट्रक दौड़ते देखे जा रहे हैं। प्रशासनिक सख्ती के बावजूद आरटीओ विभाग और खनिज विभाग की मिलीभगत का ऐसा अद्भुत परिणाम है जो तमाम प्रयासों को दरकिनार कर रहा है। खासकर बांदा-फतेहपुर के सीमावर्ती इलाकों में स्थित खदानों पर कमोवेश यही नजारा हैं।

मुख्यालय से दूर होने की वजह से इन खदानों और वहां से ओवरलोड आने-जाने वाली गाड़ियों पर उच्चाधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है। इसका पूरा फायदा कहीं न कहीं खदान संचालक और वाहन चालक उठा रहे हैं।

सूत्रों की माने तो बांदा में खप्टिहाकला, पैलानी, जसपुरा, पथरी और बेंदा में स्थित खदानों में सबसे ज्यादा ओवरलोड गाड़ियां निकाली जा रही हैं। थाना पुलिस के बाद खनिज और आरटीओ विभाग के लोग पूरी तरह से आंखें मूंदे हैं। इनमें से कुछ खदाने तो पहले से बदनाम हैं, लेकिन मुख्यालय से दूर होने की वजह से इनपर कोई रोक नहीं है।

एमपी और चुनिंदा जगहों तक ही सीमित होती कार्रवाई
दूसरी ओर खनिज विभाग की गठित टीम की कार्रवाई सिर्फ मध्य प्रदेश से आने वाली गाड़ियों या कुछ चुनिंदा खदानों तक ही सीमित रहता है। हजारों गाड़ियों में सिर्फ कुछ गाड़ियों पर कार्रवाई होती है। वहीं जब कोई प्रशासनिक अधिकारी जांच करता है तो सैंकड़ों गाड़ियों पकड़ी जाती हैं।

जहां तक आरटीओ विभाग की बात करें तो भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। खुद जिलाधिकारी आनन्द कुमार द्वारा भी निरीक्षण करके सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं।पर इस विभाग का ‘आनन्द’थमा नहीं जारी है! बांदा के आरटीओ विभाग के दफ्तर पर पूरी तरह से दलालों का कब्जा रहता है। ऐसे में समझा जा सकता है कि विभागीय अधिकारी सड़कों पर होने वाली ओवरलोडिंग को लेकर कितने गंभीर होंगे। उधर, आरटीओ विभाग और खनिज विभाग के अधिकारियों से हमने अपने मोबाइल नंबर 442362501 4 पर बात करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। हमारा नंबर इनके मोबाइल पर मिस काल क़े रूप में दर्शित हो रहा होगा। लेकिन काल बैक भी नहीं की गई क्योकिं हमारे तर्क के आगे इनके कुतर्क फैल हो जाते!
संवाद , विनोद मिश्रा