विवेक तिवारी का 'कातिल' खुद को समझता है 'सिंघम'

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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विवेक तिवारी का 'कातिल' खुद को समझता है 'सिंघम'

लखनऊ। विवेक तिवारी को मौत के घाट उतार उसके परिवार को उजाड़ने वाले प्रशांत को जानने वाले लोग पीके डॉन के नाम से जानते है। प्रशांत चौधरी खुद को सच्चा जाट बताता है और फेसबुक पर भी अपनी प्रोफाइल में पीके, द रॉयल जाट लिखता है। वह बुलंदशहर का रहने वाला है


विवेक तिवारी का 'कातिल' खुद को समझता है 'सिंघम'लखनऊ। विवेक तिवारी को मौत के घाट उतार उसके परिवार को उजाड़ने वाले प्रशांत को जानने वाले लोग पीके डॉन के नाम से जानते है।
विवेक तिवारी का 'कातिल' खुद को समझता है 'सिंघम'
प्रशांत चौधरी खुद को सच्चा जाट बताता है और फेसबुक पर भी अपनी प्रोफाइल में पीके, द रॉयल जाट लिखता है। वह बुलंदशहर का रहने वाला है।
विवेक तिवारी का 'कातिल' खुद को समझता है 'सिंघम'
वह 2015 में पुलिस में भर्ती हुआ था और इसने बुलंदशहर की ही रहने वाली राखी मलिक से शादी की थी। दोनों की तैनाती गोमतीनगर थाने में ही थी।

प्रशांत के बारे में पहले भी ऐसी खबर सामने आई थी कि वह और इसका साथी संदीप हर रात करीब 11 से 12 के बीच हाथ में टॉर्च लेकर निकलते थे और जो भी मिलता था उससे वसूली किया करते थे। अगर कोई लड़का-लड़की साथ जाते हुए मिल जाए तो उनको ये जरूर रोका करते थे।
विवेक तिवारी का 'कातिल' खुद को समझता है 'सिंघम'
इसके बाद ये उन्हें धमकाते और वसूली करके के छोड़ दिया करते थे। उस रात भी ये दोनों वसूली के इरादे के साथ विवेक तिवारी और उसकी सहकर्मी को रोकने की कोशिश की थी। 

एक अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार गोमतीनगर के स्थानीय लोगों की माने तो प्रशांत न सिर्फ आम लोगों को परेशान किया करता था बल्कि शहीद पथ से गुरजने वाले ट्रकों को रोक कर उनसे भी वसूली किया करता था।

इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि वसूली का पैसा सिर्फ इसके या फिर साथी संदीप के बीच में ही नहीं बंटता होगा बल्कि इनके ऊपर बैठे अधिकारियों तक भी पहुंचता होगा।

प्रशांत की फेसबुक प्रोफाइल देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह खुद को फिल्म सिंघम का अजय देवगन समझने लगा था। न सिर्फ प्रशांत ने सिंघम की तरह की मूंछ बल्कि वर्दी भी अजय देवगन की तरह पहनता था। यहां तक की कई लोग उसे सिंघम भी बोलने लगे थे।