ये कैसी मुहब्बत जिसने अपने ही परिवार के 7 लोगो को सुला दिया मौत की नींद!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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ये कैसी मुहब्बत जिसने अपने ही परिवार के 7 लोगो को सुला दिया मौत की नींद!

मुरादाबाद। अमरोहा ज़िले का गांव बावनखेड़ी, जहां कोई भी अपनी बेटी का नाम 'शबनम' नहीं रखता. 'शबनम' यहां के लोगों के लिए ख़ौफ़ का दूसरा नाम है। गांव के स्कूल में पढ़ाने वाली शबनम, सभी छात्रों की पसंदीदा शिक्षिका थी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि गांव ही नही


ये कैसी मुहब्बत जिसने अपने ही परिवार के 7 लोगो को सुला दिया मौत की नींद!मुरादाबाद। अमरोहा ज़िले का गांव बावनखेड़ी, जहां कोई भी अपनी बेटी का नाम 'शबनम' नहीं रखता. 'शबनम' यहां के लोगों के लिए ख़ौफ़ का दूसरा नाम है। गांव के स्कूल में पढ़ाने वाली शबनम, सभी छात्रों की पसंदीदा शिक्षिका थी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि गांव ही नहीं पूरा देश कांप उठा।

14-15 अप्रैल 2008, शबनम के घर में 7 लोगों की हत्या हो गई मगर शबनम को एक खरोंच तक नहीं आई. परिवार के सभी लोग मारे गए, बच गई तो सिर्फ़ 25 वर्षीय शबनम। इस घटना से सब तरफ़ हड़कंप मच गया. आस-पास के गांववाले, पुलिस, मीडिया सभी मौक़े पर पहुंचे।

शबनम ने रोते-चिल्लाते हुए सभी को बताया था कि लुटेरे घर में घुसे और सभी को बेरहमी से मार डाला, वो बच गई क्योंकि वो बाथरूम में थी. मामला इतना बड़ा हो गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी शबनम को सांत्वना देने पहुंची।

शबनम की कॉल-डीटेल्स की भी जांच की गई, जिसमें पता चला कि शबनम ने एक ही नंबर पर, किसी सलीम से काफ़ी बार बातें की थी और हत्या की रात भी कई बार बात की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई जिसमें मृतकों के शरीर में ज़हर के अवशेष पाए गए।

पुलिस की शक़ की सुई शबनम पर ही जाकर रुक रही थी मगर कोई पुख़्ता सबूत नहीं थे. पुलिस ने कड़ाई से पूछा और शबनम ने वो सच बताए, जिसे सुनकर पुलिस के भी रौंगटे खड़े गए।

शबनम को सलीम से प्रेम था लेकिन दोनों के परिवारों को ये रिश्ता नामंज़ूर था. सलीम 10वीं पास भी नहीं था और न ही उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी थी जबकि शबनम अच्छे घर से थी।

इन दोनों ने मिलकर ही शबनम के पूरे परिवार की हत्या कर दी. मरने वालों में एक 8 महीने का बच्चा भी था. जिस कुल्हाड़ी से हत्याएं की गई थी सलीम ने उसका पता भी बताया और वो बरामद कर ली गई।

ख़बरों के अनुसार, शबनम मुरादाबाद की एक जेल में है. जब दोनों को कोर्ट में पेश किया तो दोनों एक-दूसरे के खिलाफ़ हो गए. दोनों को ही हत्या के आरोप में निचली अदालत ने फांसी की सज़ा दी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरक़रार रखा। दोनों ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को याचिका भेजी थी जिसे पूर्व राष्ट्रपति ने ख़ारिज कर दिया था।

शबनम के वक़ील ने अब एपेक्स कोर्ट में Review Petition डाला है. अगर ये ख़ारिज हो गया, तो आज़ाद भारत में फांसी की सज़ा पाने वाली पहली महिला होगी शबनम. इसी तरह का Petition सलीम ने भी फ़ाइल किया है।