भारत के सभी सरकारी संस्थानों में मौजूद RSS कार्यकर्ताओं को हटाएंगे : राहुल गांधी
कांग्रेस के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करना
कांग्रेस के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं, उन्हें देश के निर्माण में अल्पसंख्यकों के योगदान को नहीं भूलना चाहिए।
साथ ही उन्होंने आरएसएस के प्रति झुकाव रखने वाले आईएएस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि हम मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विभिन्न सरकारी संस्थानों में मौजूद सभी आरएसएस समर्थक नौकरशाहों को एक-एक कर निकालने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे आरएसएस के नहीं, भारत के नौकरशाह हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गांधी ने कहा कि यह देश हिंदुस्तान के हर व्यक्ति का है। लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है। एक विचारधारा कहती है कि यह देश एक प्रोडक्ट (उत्पाद) है। दूसरी तरफ एक विचाराधारा कहती है कि यह देश सबका है। राहुल ने कहा कि ये देश किसी एक धर्म का नहीं है। यह देश हिंदुस्तान के हर व्यक्ति का है। अल्पसंख्यकों ने भी देश को बनाने का काम किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद थे। अगर आईआईटी की बात करते हो, देश की शिक्षा की बात करते हो तो मौलाना आजाद की बात करनी पड़ेगी। अगर आप अंतरिक्ष कार्यक्रम की बात करते हो तो विक्रम साराभाई की बात करनी पड़ेगी। अगर आप उदारवाद की बात करते हैं तो आपको मनमोहन सिंह की बात करनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि एक विचारधारा कहती है कि देश सोने की चिड़िया है, जिसका मतलब है कि देश एक प्रोडक्ट है। हमारी विचारधारा कहती है कि देश एक नदी है, जिसमें सभी को जगह मिलनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आरएसएस चाहता है कि देश के संविधान को अलग रख दिया जाए और देश को नागपुर से चलाया जाए। हर संस्था में आरएसएस के लोगों को डाला जाए। वे चाहते हैं कि मोहन भागवत पूरे देश को रिमोर्ट कंट्रोल से चलाएं।’’ उन्होंने कहा कि हम मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विभिन्न संस्थानों में बैठाए गए आरएसएस के लोगों को हटाएंगे।
साथ ही उन्होंने आरएसएस के प्रति झुकाव रखने वाले आईएएस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि हम मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विभिन्न सरकारी संस्थानों में मौजूद सभी आरएसएस समर्थक नौकरशाहों को एक-एक कर निकालने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे आरएसएस के नहीं, भारत के नौकरशाह हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गांधी ने कहा कि यह देश हिंदुस्तान के हर व्यक्ति का है। लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है। एक विचारधारा कहती है कि यह देश एक प्रोडक्ट (उत्पाद) है। दूसरी तरफ एक विचाराधारा कहती है कि यह देश सबका है। राहुल ने कहा कि ये देश किसी एक धर्म का नहीं है। यह देश हिंदुस्तान के हर व्यक्ति का है। अल्पसंख्यकों ने भी देश को बनाने का काम किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद थे। अगर आईआईटी की बात करते हो, देश की शिक्षा की बात करते हो तो मौलाना आजाद की बात करनी पड़ेगी। अगर आप अंतरिक्ष कार्यक्रम की बात करते हो तो विक्रम साराभाई की बात करनी पड़ेगी। अगर आप उदारवाद की बात करते हैं तो आपको मनमोहन सिंह की बात करनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि एक विचारधारा कहती है कि देश सोने की चिड़िया है, जिसका मतलब है कि देश एक प्रोडक्ट है। हमारी विचारधारा कहती है कि देश एक नदी है, जिसमें सभी को जगह मिलनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आरएसएस चाहता है कि देश के संविधान को अलग रख दिया जाए और देश को नागपुर से चलाया जाए। हर संस्था में आरएसएस के लोगों को डाला जाए। वे चाहते हैं कि मोहन भागवत पूरे देश को रिमोर्ट कंट्रोल से चलाएं।’’ उन्होंने कहा कि हम मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विभिन्न संस्थानों में बैठाए गए आरएसएस के लोगों को हटाएंगे।