मौत के बाद पत्नी की याद में पति ने बनवाया मंदिर

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मौत के बाद पत्नी की याद में पति ने बनवाया मंदिर

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नई दिल्ली। राजस्थान के शाजापुर से 3 किमी दूर गांव सपखेड़ा में विशेष मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर की एक विशेषता है, जो सभी लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। यह मंदिर घर के बाहर बना हुआ है और इसमें भगवान के रूप में एक महिला की मूर्ति है। जिसकी प्रतिदिन पूजा की जाती है। 

इस मंदिर में जिस महिला की मूर्ति है उसका नाम गीताबाई है। इस मंदिर को गीता बाई के परिवार वालों ने उनकी मृत्यु के बाद उनकी याद में बनवाया है। गीता बाई का कोरोनावायरस महामारी के दौरान निधन हो गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शाजापुर में पत्नी की मौत के बाद एक पति ने अपने बेटों के साथ मिलकर अपनी दिवंगत पत्नी की याद में घर के बाहर मंदिर बनवाया। पति ने अपनी पत्नी की तुलना भगवान से कर भगवान का दर्जा देने की कोशिश की है और इसी सोच में पत्नी के लिए मंदिर बनवाया। जिसमें पूरा परिवार रोज सुबह-शाम एक साथ पूजा-अर्चना करता है। मंदिर में स्थापित पत्नी की मूर्ति की आरती की जाती है और प्रतिदिन भोग लगाया जाता है।

गीताबाई की मूर्ति को बनाने में डेढ़ महीने का समय लगा। जिसके बाद मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। बरछा रोड स्थित सपखेड़ा गांव (राजस्थान) में बना यह मंदिर मुख्य सड़क से ही दिखाई देता है। परिवार के लोग इस मंदिर की मूर्ति को हर दिन साड़ी और घूंघट में रखते हैं। निस्संदेह इस मंदिर की तुलना ताजमहल से की जा सकती है। ताजमहल को शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था और इस मंदिर को भी नारायण सिंह ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया है।

यह मामला शाजापुर जिला मुख्यालय (राजस्थान) से 3 किलोमीटर दूर खेड़ा गांव में रहने वाले नारायण सिंह के परिवार का है. पति का पूरा नाम नारायण सिंह बंजारा और उनकी पत्नी का नाम गीता बाई था। 

नारायण सिंह की पत्नी गीता बाई का 27 अप्रैल को कोरोना महामारी की दूसरी लहर में निधन हो गया। गीता बाई की मृत्यु के बाद पूरा परिवार बिखर गया, पति और उनके बच्चे मायूस और एकाकी हो गए। नारायण सिंह की पत्नी बहुत ही धार्मिक स्वभाव की थीं और राजस्थान के रामदेवरा स्थित बाबा रामदेव मंदिर से जुड़ी थीं। वह भी हर साल उस मंदिर में जाया करती थीं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते उनकी मौत हो गई।