इस शुभ मुहूर्त में करें अग्नि पूजा, मिलेगा दैवीय आशीर्वाद

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इस शुभ मुहूर्त में करें अग्नि पूजा, मिलेगा दैवीय आशीर्वाद

Holika Dahan Muhurat

Photo Credit: Holika Dahan Muhurat


Holika Dahan Muhurat : हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को एक खास दिन आता है, जब चारों तरफ खुशियों के रंग बिखर जाते हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं होली के त्योहार की, जो बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन लोग पुरानी नाराज़गियों को भुलाकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, गले मिलते हैं और प्यार भरे रिश्तों को और मजबूत करते हैं। सनातन धर्म में होली का महत्व कोई नई बात नहीं है, बल्कि ये सदियों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है।

होली की पौराणिक कहानी: अच्छाई की जीत का प्रतीक

अगर पुरानी कथाओं की बात करें तो होली का इतिहास बहुत रोचक है। कहते हैं कि राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अपने भतीजे प्रह्लाद को खत्म करने का आदेश दिया था।

होलिका, जिसे आग से न जलने का वरदान मिला था, प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और होलिका जलकर राख हो गई।

तभी से हर साल होलिका दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है, जो खुशियों का प्रतीक है।

होली 2025 की तारीख: कब बिखरेंगे रंग?

अब सवाल ये है कि साल 2025 में होली कब मनाई जाएगी? तो आपको बता दें कि इस बार 14 मार्च 2025 को होली का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा।

देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे धुलेंडी, धूलिवंदन, दोल या फागुआ। हर जगह की अपनी खास परंपराएं और रंग खेलने का तरीका इसे और भी खूबसूरत बनाता है।

होलिका दहन 2025: शुभ मुहूर्त और तारीख

होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है, जो बुराई को जलाने का प्रतीक है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:35 बजे खत्म होगी।

इस बार होलिका दहन 13 मार्च को मनाया जाएगा। अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो ये 13 मार्च की रात 11:26 बजे से शुरू होकर 14 मार्च की आधी रात 12:48 बजे तक रहेगा। इसके बाद 14 मार्च को रंगों की होली हर तरफ धूम मचाएगी।

होली का उत्साह: रंगों से भरा एक अनोखा त्योहार

होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक ऐसा मौका है जब लोग दिल से दिल मिलाते हैं। बच्चे, बड़े, बूढ़े—सब रंगों में डूबकर खुशियाँ मनाते हैं। गुझिया, ठंडाई और मस्ती भरे गीतों के साथ ये दिन यादगार बन जाता है।