इस मंदिर में न्याय करने के लिए बांधी जाती हैं 'घंटियां'

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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इस मंदिर में न्याय करने के लिए बांधी जाती हैं 'घंटियां'

मंदिर में जा कर भगवान से न्याय की उम्मीद सभी रखते हैं. भगवान पर हर किसी की आस्था होती है और उनसे सब कुछ ठीक होने की उम्मीद भी करते हैं. लेकिन कुछ मंदिर ऐसे होते हैं जिनमे आपको अजीब प्रथा देखने को मिलती है. इस देश में कई चीजे ऐसी है जिन पर विश्वास कर


इस मंदिर में न्याय करने के लिए बांधी जाती हैं 'घंटियां'
मंदिर में जा कर भगवान से न्याय की उम्मीद सभी रखते हैं. भगवान पर हर किसी की आस्था होती है और उनसे सब कुछ ठीक होने की उम्मीद भी करते हैं. लेकिन कुछ मंदिर ऐसे होते हैं जिनमे आपको अजीब प्रथा देखने को मिलती है. इस देश में कई चीजे ऐसी है जिन पर विश्वास करना मुश्किल है लेकिन उनकी आस्था उनके होने का प्रमाण देती है. वैसे आप न्याय के लिए हमेशा कोर्ट में ही जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में एक ऐसी जगह भी है जहाँ स्टंप पेपर पर अर्जी लिखकर बांधने से न्याय मिलता है. आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है. आइए जानते हैं उस मंदिर के बारे में.
दरसल, भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित अल्मोड़ा में गोलू देवता का मंदिर है, जो कि चैत्य गोलू देवता के नाम से मशहूर है. गोलू देवता भगवान शिव के एक रूप भरैव का अवतार है. जिन्हें न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. गोलू देवता और उनकी मां को अपने जीवन में  उनकी सौतली मांओ के कारण बहुत कष्ट झेलना पड़ा. जिस वजह से गोलू देवता ने अपने शासनकाल में कभी किसी पर अन्याय नही होने दिया.
ऐसे में आपको बता दें कि, आपको लग रहा है कि जरुरी तो नही स्टंप पेपर लिखकर बांधी इच्छा पूरी भी हो. लेकिन गोलू देवता का मंदिर ऐसा है जिसमें हर चीज का प्रमाण है. यहाँ हजारों की तादाद में बंधी सुंदर घंटियां यहां लोगो को मिले न्याय का प्रतीक है. यहां न्याय मांगने आता है या किसी इच्छा पूर्ति के लिए आता है. इच्छा पूरी होने पर उन्हें यहां घंटियां चढानी होती है. इससे आप अंदाज़ा लगा ही सकते हैं.