शादी एवं धार्मिक अनुष्ठान में लोकगीतसे मंत्रमुग्ध कर रही अकाली देवी

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शादी एवं धार्मिक अनुष्ठान में लोकगीतसे मंत्रमुग्ध कर रही अकाली देवी


शादी एवं धार्मिक अनुष्ठान में लोकगीतसे मंत्रमुग्ध कर रही अकाली देवी


सहरसा,24 जून (हि.स.)। जिले के सत्तर कटैया प्रखंड अंतर्गत विद्यापति धाम लक्षमीनिया गांव की अनपढ देहाती महिला अपने गायकी से मंत्रमुग्ध कर रही है।गरीबी और अभाव के बीच जीवन यापन कर रही दिनेश यादव की पत्नी अकाली देवी गांव पंचायत मे होने वाले शादी और धार्मिक अनुष्ठान मे पूरा समय देकर पुरी तल्लीनता पूर्वक गीत गायन करती है।सुमधुर कंठ से सभी विधि व्यवहार गीतो को सुन्दर लय और भाषा के साथ गायन काफी कर्णप्रिय लगता है।

उन्होंने बताया कि उन्हे बचपन से ही संगीत से विशेष लगाव होने के कारण वे सदैव गीत सीखकर गायन करती है।उनके गायन की प्रसिद्धि इतनी है कि सभी धार्मिक अनुष्ठान यज्ञ हवन तथा शादी में उन्हे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है।वही वे पूरे मनोयोग से पूरा समय देकर गीत गायन करती है।

धाम के संस्थापक भोगेन्द्र शर्मा ने बताया कि अकाली देवी परम्परागत लोकगीत तथा धार्मिक रीति-रिवाज पर आधारित गीत गायन करती है। गरीबी के बावजूद गीत गायन के लिए एक भी पैसा पारिश्रमिक नही लेती है बल्कि अपना कर्तव्य और धर्म समझकर सांगीतिक दायित्व का निर्वहन कर रही है।शर्मा ने बताया आजकल डिजिटल युग मे डीजे का शोर चारो ओर सुनाई पड़ रहा है।वही नई पीढ़ी के युवक युवतियां भी परम्परागत सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा लोकगीत से विमुख हो रहा है। ऐसे युग मे भी अकाली देवी का स्वर घर-घर मे गुंजायमान हो रहा है।उन्होने अकाली देवी जैसी प्रतिभा को संवारने तथा संरक्षण देकर सम्मानित और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।उन्होने गुदड़ी के इस लाल को आर्थिक सहयोग देने की मांग की है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय