अमरेश का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश, रंगकर्मी खुश

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अमरेश का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश, रंगकर्मी खुश


अमरेश का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश, रंगकर्मी खुश


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अमरेश का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश, रंगकर्मी खुश


बेगूसराय, 14 मई (हि.स.)। साहित्य, कला और उद्योग जगत में अपना परचम लहराने वाले बेगूसराय के रंगकर्मी अमरेश कुमार के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली में प्रवेश से रंगकर्मी खुश हैं। इस विद्यालय में एंट्री पाने वाले अमरेश बेगूसराय के नौवें छात्र हैं। वह नगर निगम क्षेत्र के नागदह के रहने वाले हैं।

इस सफलता पर भारतीय रंगमंच के मजबूत स्तंभ वरिष्ठ रंग निर्देशक संजय उपाध्याय, गुरु विश्वजीत, दयालकृष्ण नाथ, नाटककार सुशील कुमार, हसन इमाम, चित्रकार सीताराम, अभय सिन्हा, सुरेश कुमार हज्जु, संस्कार भारती के जिलाध्यक्ष एवं चर्चित निर्देशक प्रवीण कुमार गुंजन तथा बाल रंगमंच के युवा निर्देशक ऋषिकेश कुमार सहित बिहार रंगमंच के अन्य निर्देशक और रंगकर्मियों ने अमरेश को सकारात्मक सोच के साथ नई पारी आरंभ करने की शुभकामनाएं दिया है। अमरेश ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि ईमानदारी और सच्चाई के एक जीवंत रंगकर्म को यह सफलता मिली है।

युवा रंगकर्मी अमरेश कुमार बेगूसराय से एनएसडी जाने वाले नौवें छात्र हैं। वह जागरूक अभिनेता के रूप में बेगूसराय रंगमंच के साथ-साथ पूरे बिहार रंगमंच में अपने रंगकर्म की सक्रियता बनाए हुए हैं। इन्होंने विभिन्न नाट्य संस्थाओं सहित कई रंग निर्देशकों के सानिध्य में मुख्य भूमिका के साथ-साथ पार्श्व रंगमंच में भी बेहतर कार्य करने की उपलब्धि हासिल किया है। अमरेश का नाट्यकला और साहित्य के प्रति विशेष लगाव बाल्यकाल से विद्यालय जीवन से ही जुड़ा रहा है।

पहली बार 2002 में मध्य विद्यालय हर्रख के कक्षा छह के अध्ययनशील छात्र के रूप में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता एवं गीत-संगीत कार्यक्रम में भाग लेकर नाट्य गतिविधि की शुरुआत की। रंगमंचीय शुरुआत 2006 में तत्कालीन ग्राम पंचायत नागदह (अब नगर निगम) में ग्रामीण रंगमंच से हुई तथा अपने बड़े भाई अमरेंद्र कुमार के परामर्श पर देवानंद सिंह के मार्गदर्शन में 2009 में दिनकर कला भवन में बेगूसराय रंगमंच से जुड़कर आधुनिक रंगमंच में सक्रिय रूप से कार्य कर एक कुशल अभिनेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।

अमरेश की प्रारंभिक पठन-पाठन पिता शिवचन्द्र राय के मार्गदर्शन में नागदह के एक निजी विद्यालय में हुई तथा 2019 में नाट्यशास्त्र में विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग (ल.ना.मिथिला वि.वि. दरभंगा) द्वारा प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त किया। अध्ययन के दौरान कई बार जिला युवा महोत्सव तथा अंतर महाविद्यालय युवा महोत्सव से लेकर ऑल इंडिया विश्वविद्यालय युवा महोत्सव में भी नाट्य प्रतियोगिता में भाग लेकर गोल्ड, सिल्वर व कांस्य मेडल तथा प्रमाण-पत्र प्राप्त कर चुके हैं।

इन्होंने उत्तरप्रदेश (कानपुर) के चर्चित नाट्य-निर्देशक शिवशरण मिश्र तथा हरियाणा (सफीदो) के रंग-निर्देशक रवि मोहन तथा बेगूसराय रंगमंच के रंग-निर्देशक हरीश हरिऔध, प्रवीण कुमार गुंजन, गणेश गौरव, संतोष कुमार राणा, अवधेश, दीपक सिन्हा, इम्तियाजुल हक डब्लू, सचिन कुमार, हरिकिशोर ठाकुर, मोहित मोहन, महिला अभिनेत्री अंकिता सिन्हा, मोनिका कांति सहित बेगूसराय रंगमंच के करीब सभी रंग-निर्देशकों तथा अभिनेता एवं अभिनेत्रियों के साथ काम कर अच्छा अनुभव प्राप्त किया है।

चर्चित नाटक चरणदास चोर, मैकबेथ, गोदान, कुमति नगर का किस्सा, कोणार्क, यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, उरुभंगम, जल डमरू बाजे, हवा-रोको, पोलटिस, सैयां भए कोतवाल, कोणार्क, कथा, बिदेसिया, गबरघिचोर, रश्मिरथी (राष्ट्रकवि दिनकर रचित), कोमल गांधार आदि विभिन्न श्रेष्ठ कहानियों एवं कविताओं के संग्रह का नाट्य-प्रदर्शन कर अमरेश ने सशक्त भूमिका निभाई है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/मुकुंद