इंडियन ऑयल के बरौनी रिफाइनरी में ऑनसाइट आपदा मॉक ड्रिल

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इंडियन ऑयल के बरौनी रिफाइनरी में ऑनसाइट आपदा मॉक ड्रिल


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इंडियन ऑयल के बरौनी रिफाइनरी में ऑनसाइट आपदा मॉक ड्रिल


इंडियन ऑयल के बरौनी रिफाइनरी में ऑनसाइट आपदा मॉक ड्रिल


बेगूसराय, 24 जून (हि.स.)। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) और अन्य वैधानिक निकाय के दिशा निर्देशों के अनुसार बरौनी रिफाइनरी में नियमित रूप से आपदा अभ्यास आयोजित किया जाता है। ऑनसाइट आपदा मॉक ड्रिल के तहत बरौनी रिफाइनरी में ''आरएफसीसी हॉट फीड लाइन (एवीयू I/II/III और कोकर से) में रिसाव/टूटना'' के परिदृश्य पर आयोजित की गई। आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां आरएफसीसी बैटरी लिमिट के पास घटना स्थल पर पहुंचीं। स्थिति की गंभीरता का आकलन करने के बाद आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन योजना (ईआरडीएमपी) लागू किया गया। मेजर फायर के लिए सायरन बजाया गया तथा आपदा की घोषणा मुख्य घटना नियंत्रक (सीआईसी) द्वारा साइट घटना नियंत्रक (एसआईसी) के परामर्श से की गई। इसके बाद आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन योजना के अनुसार आपातकालीन आपदा प्रबंधन तुरंत कार्रवाई में आ गया तथा बिना किसी जान-माल के नुकसान के स्थिति नियंत्रण में आ गई।

तत्काल आपदा प्रबंधन घटना में बरौनी रिफाइनरी के मुख्य घटना नियंत्रक सत्य प्रकाश (मुख्य महाप्रबंधक-तकनीकी), रिफाइनरी ऑपरेशन संबंधित मुद्दे में सीआईसी के सलाहकार एस.जी. वेंकटेश (मुख्य महाप्रबंधक-टीएस एंड एचएसई), साइट इंसीडेंट कंट्रोलर सत्यव्रत कुमार, (महाप्रबंधक-उत्पादन) सहित अन्य आपदा समन्वयक, सीआईएसएफ टीम, फायर एंड सेफ्टी क्रू आदि शामिल थे। आपदा परिदृश्य के नियंत्रित होने पर स्थिति का जायजा लेने के बाद ऑल-क्लियर घोषित करने वाला स्ट्रेट रन सायरन बजाया गया। मॉक ड्रिल में म्युचुअल एड पार्टनर्स- एचयूआरएल (हर्ल खाद कारखाना) के फायर टेंडरों ने भी भाग लिया। स्थिति सामान्य होने के बाद आपदा नियंत्रण कक्ष में कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा की अध्यक्षता में डी-ब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया। डी-ब्रीफिंग सत्र संवादात्मक था एवं वास्तविक घटना के मामले में बेहतर नियंत्रण के लिए सामने आए सभी अनुभवों और कमियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

कॉर्पोरेट संचार प्रबंधक अंकिता श्रीवास्तव ने बताया कि इस तरह के अभ्यास हर तिमाही में आयोजित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन प्रणाली में कमियों का पता लगाना एवं रिफाइनरी की आपदा प्रबंधन क्षमता में और सुधार करना है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र