7th Pay Commission: कर्मचारियों पर टूटा मुसीबत का पहाड़, अब कटेगा वेतन, वजह उड़ा रही होश
वर्तमान युग में सरकार के कागजों में नियमों का पालन करने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में गंभीर-गंभीर शब्द लिखे जाते हैं। इतना ही नहीं सरकार कर्मचारी और अधिकारी भी जिम्मेदारी से काम करने का खूब ढिंढोरा पीटते हैं, क्योंकि हाजिरी तो लग ही जाती है, जिससे वेतन ना कटे। बावजूद इसके जमीनी हकीकत देखी जाए तो इससे कोसों दूर नजर आती है। मॉडर्न जमाने में अधिकारिकारियों व कर्मचारियों का ऑफिस समय से ना पहुंचना एक रवैया बन गया है, जिससे वो सरकारी नियम व कानून को कमजोर करने का काम करते नजर आते हैं।
कई जगह तो कर्मचारियों व अधिकारियों को लापरवाही बरतन के लिए सस्पेंड भी कर दिया जाता है, लेकिन फिर भी ऐसे लोगों के कानों पर जूं रेंगती नजर नहीं आती है। लापरवाही बरतने के मामले में अब कुछ कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। जिनकी सैलरी में भी कटौती कर दी गई है। दिसम्बर महीने में गुना (मध्य प्रदेश) में कलैक्टर जब सरकारी माध्यमिक विद्यालय, नयागांव के निरीक्षण में पहुंचे तो स्कूल का स्टाफ समय से पहले ही छुट्टी करके जा चुका था।
इसके बाद कलेक्टर साहब न कार्रवाई का चाबुक चलाया। उन्होंने स्कूल के हैडमास्टर को निलंबित करने के अलावा 5 अध्यापकों का एक-एक दिन का वेतन काट दिया। वहीं, 2 दिसम्बर को अमरोहा (उत्तर प्रदेश) के जिला अधिकारी बालकृष्ण द्वारा स्थानीय जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान 60 फीसदी कर्मचारी अनुपस्थित रहे। इसके बाद जिलाधिकारी ने उनका एक दिन के वेतन में कटौती कर दी।
वहीं, 7 दिसम्बर को ‘गुना’ (मध्य प्रदेश) जिले की ‘आरोन खुर्द’ तहसील के ‘फतेहगढ़’ में ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ में लक्ष्य की पूर्ति न करने पर संबंधित विभाग के कर्मचारियों की एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जिले के कलैक्टर जांज का आदेश दिया। जानकारी के लिए बता दें कि देशभर में आए दिन ऐसे तमाम मामले सामने आते हैं, जिसमें कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिलती है। शासन स्तर से ही लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के वेतन काटने का आदेश दिया गया है।