8वां वेतन आयोग: कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 8वें वेतन आयोग का सबसे बड़ा अपडेट

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8वां वेतन आयोग: कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, 8वें वेतन आयोग का सबसे बड़ा अपडेट

8th Pay Commission

Photo Credit: 8th Pay Commission


केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। 8वां वेतन आयोग जल्द ही लागू होने वाला है, जिससे लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को फायदा मिलेगा। सरकार ने जनवरी 2025 में इसकी घोषणा की थी और उम्मीद है कि यह 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। इस नए वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी की संभावना है। खबरों के मुताबिक, हर कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये से ज्यादा हो सकती है। यह खबर केंद्रीय कर्मचारियों के बीच उत्साह और उम्मीद लेकर आई है, जो लंबे समय से अपने वेतन में बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे थे।

न्यूनतम सैलरी में होगा भारी इजाफा

7वें वेतन आयोग ने न्यूनतम बेसिक सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया था। अब 8वें वेतन आयोग में इसे और बढ़ाने की तैयारी है। सूत्रों की मानें तो नई न्यूनतम सैलरी 51,480 रुपये तक हो सकती है। यह बढ़ोतरी एक फिटमेंट फैक्टर के आधार पर होगी, जिसे 2.86 तक रखे जाने की चर्चा है। फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है, जो मौजूदा सैलरी को नई सैलरी में बदलने के लिए इस्तेमाल होता है। अगर यह अनुमान सही साबित हुआ, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 186% तक की वृद्धि हो सकती है। यह बदलाव न सिर्फ कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएगा।

कब शुरू होगा काम और कब आएगा असर

8वें वेतन आयोग का गठन तेजी से हो रहा है। भारत के व्यय सचिव मनोज गोविल ने बताया कि यह आयोग अप्रैल 2025 से अपना काम शुरू कर सकता है। इसके बाद करीब एक साल तक विभिन्न पक्षों से बातचीत और सुझावों का दौर चलेगा। इसमें कर्मचारी प्रतिनिधियों से भी राय ली जाएगी, ताकि उनकी जरूरतों को समझा जा सके। आयोग की सिफारिशें तैयार होने के बाद इन्हें 1 जनवरी 2026 से लागू करने की योजना है। हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि इसमें थोड़ी देरी भी हो सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो सरकार पिछले महीनों की सैलरी को बकाया के रूप में दे सकती है, जिससे कर्मचारियों को कोई नुकसान न हो।

फिटमेंट फैक्टर पर बड़ी बहस

वेतन बढ़ोतरी का आधार फिटमेंट फैक्टर ही होगा। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिसके जरिए सैलरी में बढ़ोतरी हुई थी। अब नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने मांग की है कि यह 2.57 से कम नहीं होना चाहिए। उनका कहना है कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए सैलरी में ठोस बढ़ोतरी जरूरी है। कुछ लोग 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं, लेकिन पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने इसे “चांद मांगने जैसा” बताया है। इस बहस का नतीजा यह तय करेगा कि कर्मचारियों को कितना फायदा मिलेगा।

भत्तों में भी हो सकता है बदलाव

वेतन आयोग सिर्फ सैलरी ही नहीं, बल्कि भत्तों की समीक्षा भी करता है। 7वें वेतन आयोग में 101 भत्तों को खत्म किया गया था। अब 8वें वेतन आयोग में भी कुछ पुराने और अनुपयोगी भत्तों को हटाया जा सकता है। इसके साथ ही, नए भत्तों को जोड़ने की संभावना भी है। कर्मचारी अंतरिम राहत की मांग कर रहे हैं, ताकि नए नियम लागू होने तक उन्हें कुछ आर्थिक सहारा मिल सके। यह बदलाव कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए कितना फायदेमंद होगा, यह आयोग की अंतिम रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।

बजट और समय पर सवाल

2025 के बजट में 8वें वेतन आयोग के लिए कोई राशि तय नहीं की गई थी, जिससे कई कर्मचारियों को निराशा हुई। कुछ का मानना है कि इससे लागू होने में देरी हो सकती है। लेकिन सरकार का कहना है कि आयोग को समय पर काम पूरा करने के लिए पर्याप्त वक्त दिया गया है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो 2026 की शुरुआत में कर्मचारियों को नई सैलरी मिलनी शुरू हो जाएगी। यह न केवल उनकी मेहनत का सम्मान होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।

कर्मचारियों की उम्मीदें और भविष्य

8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। यह न सिर्फ उनकी सैलरी बढ़ाएगा, बल्कि पेंशनधारकों को भी राहत देगा। महंगाई के इस दौर में यह बदलाव उनकी जिंदगी को आसान बना सकता है। साथ ही, बढ़ी हुई सैलरी से बाजार में खर्च बढ़ेगा, जो अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा संकेत है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि आयोग कब तक अपनी सिफारिशें देगा और सरकार उन्हें कब लागू करेगी। यह इंतजार भले ही लंबा लगे, लेकिन इसका नतीजा कर्मचारियों के लिए बेहद सुखद हो सकता है।