8वां वेतन आयोग: सैलरी में बंपर बढ़ोतरी, जानें कितना होगा फायदा!

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक शानदार खबर है! केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। यह आयोग न केवल वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी लाएगा, बल्कि भत्तों और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी बदलाव की उम्मीद है। आइए, जानते हैं कि इस आयोग से कर्मचारियों को क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं और यह क्यों है इतना खास।
8वां वेतन आयोग: क्या है नया?
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, जिसने लगभग 1.17 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच उत्साह की लहर दौड़ा दी। यह आयोग वेतन संरचना, पेंशन, और भत्तों जैसे मकान किराया भत्ता (HRA) और महंगाई भत्ता (DA) की समीक्षा करेगा। सूत्रों के अनुसार, आयोग का गठन मई 2025 तक हो सकता है, जिसमें एक अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य शामिल होंगे। आयोग की सिफारिशें जुलाई 2026 तक आने की उम्मीद है, और ये 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं, जिसमें पुराने बकाया भी कर्मचारियों को मिल सकते हैं।
सैलरी और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी?
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच रहने की चर्चा है, जो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को काफी बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है, तो 2.85 के फिटमेंट फैक्टर के साथ उनकी नई सैलरी 1,42,500 रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा, पेंशनभोगियों के लिए भी पेंशन में 34% तक की बढ़ोतरी की संभावना है। मकान किराया भत्ता (HRA) की दरों में भी संशोधन हो सकता है, जो बड़े शहरों में रहने वाले कर्मचारियों के लिए राहत की बात होगी।
नई स्वास्थ्य योजना: CGHS की जगह आएगा CGEPHIS?
8वें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) को एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना, सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज एंड पेंशनर्स हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (CGEPHIS), से बदलने की चर्चा है। यह नई योजना निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा दे सकती है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। इस योजना को इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) द्वारा संचालित किया जा सकता है। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हो सकता है।
कर्मचारियों की मांग: DA का विलय और अधिक फायदे
कर्मचारी संगठनों, जैसे नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM), ने आयोग के गठन से पहले एक "कॉमन मेमोरेंडम" तैयार करने की योजना बनाई है। इस मेमोरेंडम में महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में विलय करने और फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से ऊपर रखने की मांग शामिल है। वर्तमान में DA 55% है, और इसका 50% हिस्सा बेसिक सैलरी में मिलाने से न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 27,000 रुपये हो सकती है। ये मांगें कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेंगी।
सरकार की तैयारी: तेजी से हो रहा काम
केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग को जल्द लागू करने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। वित्त मंत्रालय ने आयोग के लिए 42 प्रमुख पदों की नियुक्ति शुरू कर दी है, जिनमें से 40 पद विभिन्न सरकारी विभागों से प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाएंगे। आयोग की कार्यप्रणाली और सिफारिशें मध्यम अवधि की वित्तीय योजना और 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों को भी प्रभावित करेंगी। सरकार का लक्ष्य है कि यह आयोग न केवल कर्मचारियों को लाभ पहुंचाए, बल्कि आर्थिक स्थिरता को भी बनाए रखे।