8th pay commission: आठवें वेतन आयोग और नई पेंशन योजना से मिलेंगे ये अनोखे फायदे

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8th pay commission: आठवें वेतन आयोग और नई पेंशन योजना से मिलेंगे ये अनोखे फायदे

8th Pay Commission

Photo Credit: upuklive


8th pay commission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने एक बड़े फैसले को मंजूरी देते हुए आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है। यह फैसला लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला है। साथ ही, 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का भी शुभारंभ होने जा रहा है, जो सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा का विश्वास दिलाएगी।

आठवें वेतन आयोग की खास बातें: क्या बदलेगा?

वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन करना है। आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इससे पहले, 7वें वेतन आयोग में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से वेतन में वृद्धि हुई थी। इस बार 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद है, जो कर्मचारियों के मूल वेतन को ₹18,000 से बढ़ाकर ₹51,480 तक पहुंचा सकता है। यानी, एक साधारण कर्मचारी का वेतन लगभग 186% तक बढ़ सकता है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम: सेवानिवृत्ति के बाद मिलेगी गारंटीड पेंशन

सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लाई जा रही है। इस योजना के तहत, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आखिरी 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी का अंतिम मूल वेतन ₹80,000 था, तो उसे हर महीने ₹40,000 की पेंशन मिलेगी। साथ ही, 10 साल या उससे अधिक की सेवा वाले कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन ₹10,000 निर्धारित की गई है।

दोनों योजनाओं का संयुक्त प्रभाव: कैसे मिलेगा दोहरा लाभ?

आठवें वेतन आयोग और यूनिफाइड पेंशन स्कीम का संयुक्त असर कर्मचारियों की आय और पेंशन दोनों पर पड़ेगा। मान लीजिए, एक कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन ₹30,000 है। 2.86 के फिटमेंट फैक्टर से यह बढ़कर ₹85,800 हो जाएगा। सेवानिवृत्ति के बाद, UPS के तहत उसे ₹42,900 की मासिक पेंशन मिलेगी। इसके अलावा, महंगाई भत्ता (डियरनेस अलाउंस) भी समय-समय पर बढ़ता रहेगा, जिससे पेंशन की राशि और भी ज्यादा हो सकती है।

किसे मिलेगा यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ?

  • यह योजना 1 अप्रैल 2004 के बाद नौकरी जॉइन करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगी।
  • कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और UPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा।
  • एक बार UPS चुनने के बाद, कर्मचारी दोबारा NPS में वापस नहीं जा सकेंगे।
  • 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी वॉलंटरी रिटायरमेंट ले सकते हैं, लेकिन पेंशन उनकी सुपरएन्यूएशन डेट से ही मिलनी शुरू होगी।

पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी: महंगाई राहत का प्रावधान

यूनिफाइड पेंशन स्कीम में डियरनेस रिलीफ (DR) का भी प्रावधान रखा गया है। यानी, पेंशन की राशि समय-समय पर महंगाई के अनुसार समायोजित होती रहेगी। वर्तमान में, पेंशनभोगियों को 46% डियरनेस रिलीफ मिल रहा है। आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद, यह और बढ़ सकता है, जिससे पेंशनर्स की क्रय शक्ति बनी रहेगी।

क्या होगा विशेष परिस्थितियों में?

  • मृत्यु की स्थिति में: पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर उनके परिवार को 60% पेंशन मिलती रहेगी।
  • लम्बी बीमारी या दुर्घटना: सेवाकाल में ही अक्षम होने वाले कर्मचारियों को 10 साल की न्यूनतम सेवा मानकर पेंशन दी जाएगी।
  • एकमुश्त राशि: रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को उनके बेसिक पे और DA का 10% हर छह महीने की सेवा के हिसाब से एकमुश्त मिलेगा।

राज्य सरकारों के लिए भी मिसाल

केंद्र सरकार की इस पहल को देखते हुए महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है, जिसने अपने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने का ऐलान किया है। अनुमान है कि अगर सभी राज्य इस योजना को अपनाएं, तो देशभर के 90 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।

निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम

आठवें वेतन आयोग और यूनिफाइड पेंशन स्कीम का उद्देश्य न सिर्फ कर्मचारियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति देना है। वेतन और पेंशन में होने वाली यह बढ़ोतरी नौकरीपेशा वर्ग में नई उम्मीद जगाएगी। साथ ही, यह फैसला साबित करता है कि सरकार "सबका साथ, सबका विकास" के मंत्र को चरितार्थ करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन योजनाओं के लागू होने के बाद सरकारी नौकरी के प्रति युवाओं का रुझान और बढ़ेगा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाली आर्थिक सुरक्षा उनके स्वाभिमान को बनाए रखने में मदद करेगी। आखिरकार, एक सुरक्षित भविष्य ही तो हर किसी का सपना होता है!