92 साल बाद मोदी सरकार ने लिया पुरे देश को हिला देने वाला फैसला, पुरानी सभी प्रथाओं को तोड़ा

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92 साल बाद मोदी सरकार ने लिया पुरे देश को हिला देने वाला फैसला, पुरानी सभी प्रथाओं को तोड़ा

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साल 2014 से जब से देश की कमान मोदी सरकार ने संभाली है, तब से सरकार की ओर से कई अहम फैसले लिए गए हैं. साथ ही इन फैसलों में कई ऐसे फैसले भी रहे हैं, जिनके जरिए सरकार की ओर से पुरानी प्रथाओं को भी तोड़ा गया है. ऐसा ही एक फैसला मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में लिया था. ये फैसला बजट को लेकर था और एक पुरानी प्रथा को मोदी सरकार ने तोड़ दिया गया था. इसके बाद देश में उनकी सराहना भी की गई थी.

केंद्रीय बजट

दरअसल, पहले केंद्र सरकार की ओर से पेश किया जाना वाला आम बजट अलग होता था और रेलवे बजट अलग होता था. लेकिन मोदी सरकार में एक अहम फैसला साल 2017 में बजट को लेकर लिया गया था. उस दौरान मोदी सरकार की ओर से फैसला लिया गया कि अब आम बजट और रेलवे बजट को अलग-अलग पेश नहीं किया जाएगा और दोनों को एक साथ पेश किया जाएगा.

रेलवे बजट

आम बजट और रेलवे बजट को एक साथ पेश किए जाने का फैसला मोदी सरकार के बड़े फैसलों में गिना जाता है और 92 सालों से चली आ रही प्रथा को भी मोदी सरकार की ओर से तोड़ दिया गया था, जिससे मोदी सरकार की ओर से लिए गए बड़े फैसलों को देखकर देश भी हिल गया. बता दें कि 1924 में अंग्रेजों के जरिए एक अलग रेल बजट शुरू किया गया था. वहीं रेल और आम बजट का विलय रेलवे की कार्यात्मक स्वायत्तता को प्रभावित नहीं करता है लेकिन पूंजीगत व्यय को बढ़ाने में मदद करता है.

बजट

देश का आम बजट और रेलवे बजट अलग-अलग पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा को मोदी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खत्म किया था. साल 2017 में जेटली ने आम बजट और रेलवे बजट मिलाकर देश का पहला संयुक्त बजट पेश किया. यह परिवर्तन विभिन्न हितधारकों की कई सिफारिशों पर आधारित था और सरकार को परिवहन क्षेत्र के प्रति अधिक समग्र दृष्टिकोण रखने की अनुमति देता था.