लाखों कर्मचारियों के लिए बुरी खबर! सातवें वेतन आयोग में आया ये अपडेट, कम हो जाएगी सैलरी

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लाखों कर्मचारियों के लिए बुरी खबर! सातवें वेतन आयोग में आया ये अपडेट, कम हो जाएगी सैलरी

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7th Pay Commission Update : अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं या फिर आप के घर में कोई सरकारी कर्मचारी हैं तो आप के लिए सरकार की ओर से बड़ी अपडेट आई है, जिसका आप के मिलने वाली सैलरी पर होने वाला है।

हालांकि ये असर केन्द्रिय कर्मचारियों को होने वाला है। दरअसल आप को बता दें कि सरकार ने मकान किराया भत्ता (HRA) नियमों को अपडेट किया है, जिससे इसमें ऐसे नियम लाए गए हैं, जिसका असर लाखों कर्मचारियों पर होने वाला है।

एचआरए नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी के ‘ड्यूटी के स्थान’ के संदर्भ में मकान किराया भत्ता स्वीकार्य है। चाहे वह सरकारी कर्मचारी उस स्थान पर रह रहा हो या किसी अन्य स्थान पर रह रहा हो।

गौरतलब है कि, वित्त मंत्रालय के अधीन व्यय विभाग ने सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए मकान किराया भत्ता (HRA) नियमों को अपडेट किया है। जो हर किसी कर्मचारियों पर असर डालने वाला है।

इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा मकान किराया भत्ता (HRA)

वह कर्मचारी जो किसी अन्य सरकारी कर्मचारी को आवंटित सरकारी आवास साझा करता/करती है। वह कर्मचारी जो केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एक खुद सार्वजनिक उपक्रम या अर्ध-सरकारी संगठन जैसे नगरपालिका, पोर्ट ट्रस्ट, राष्ट्रीयकृत बैंकों, जीवन बीमा निगम द्वारा अपने माता-पिता / पुत्र / पुत्री को आवंटित आवास में रहता/रहती है।

वही ऐसे कर्मचारियों के पति/पत्नी को केंद्र सरकार/राज्य सरकार/स्वायत्त सार्वजनिक उपक्रम/अर्ध-सरकारी संगठन जैसे नगर पालिका, पोर्ट ट्रस्ट आदि द्वारा उसी स्टेशन पर आवास आवंटित किया गया है, चाहे वह उस आवास में रहता हो या वह उसके द्वारा किराए पर लिए गए आवास में अलग रहता/रहती है।

ये है इन कर्मचारियों को मिलने वाली एचआरए कैटेगरीज

मकान किराया भत्ता वेतनभोगी व्यक्तियों तीन श्रेणियों- एक्स, वाई और जेड में बांटा गया है। ‘एक्स’ 50 लाख और उससे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों के लिए है. सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार एचआरए 24 फीसदी पर दिया जाता है।

‘वाई’ 5 लाख से 50 लाख के बीच आबादी वाले क्षेत्रों के लिए है। यह 16 फीसदी पर दिया जाता है। ‘जेड’ दिया जाता है जहां जनसंख्या 5 लाख से कम है। यह 8 फीसदी पर दिया जाता है।