बीमा लेने पर केवाईसी दस्तावेज को जमा करना होगा जरुरी, जानें नहीं तो हो सकता है नुकसान

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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बीमा लेने पर केवाईसी दस्तावेज को जमा करना होगा जरुरी, जानें नहीं तो हो सकता है नुकसान

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इसमें प्रमुख और बड़ा बदलाव में केवाई सी शामिल किया गया है जसके तहत ग्राहकों को डाक्यूमेंट देना जरुरी हो जाता है।यानि आपको पॉलिसी ख़रीदने से पहले ही आपको कुछ दस्तावेज देना अहम हो जाता है। जानिए नियमों में किस तरह से बदलाव हो सकता है। वहाॆ इस बार बात करें तो भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण की तरफ से स्वास्थ्य, ऑटो, घर आदि सभी नई इंश्योरेंस पॉलिसियों की खरीद पर बात की जाए तो ए केवाईसी मानदंड अनिवार्य हो चुका है।

हालांकि ये नियम की बात करें तो सभी इंश्योरेंस पर लागू होने जा रहा है। हालांकि, आज से बीमाकर्ताओं को इससे जुड़े हुए दस्तावेज जमा करने की जरुरत है।

क्यों पड़ने जा रही है जरुरत

इस नए नियम की जरूरत पड़ने वाली है।, इससे अब क्लेम प्रॉसेस प्रक्रिया में काफी तेजी होना शुरु हो जाएगी। इंश्योरर्स के पास ग्राहकों की एक विस्तृत प्रोफ़ाइल भी मौजूद होती है। जिसमें बीमा कंपनियों को लेकर बात करें तो केवाईसी डिटेल रिस्क अससेमेंट (KYC Deatils) और प्राइसिंग की सटीकता की सुधार को लेकर मदद किया जा सकता है।

नए आवेदन के बारे में चेक करें जानकारी

वहीं बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने जानकारी दिया है कि वे उन पॉलिसीधारकों को सामान्य और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के नवीनीकरण को लेकर छूट देने की जरुरत पड़ने जा रही है। जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन के 3 डोज़ लेकर फायदा मिल सकता है।

एक नजर में डाले इन नियमों के बारे में

  • बीमा नियामक ने बीमाकर्ताओं को लेकर ये भी आग्रह हुआ है कि लिस्टिड अस्पतालों को कोविड अस्पताल में भर्ती होने के पहले जमा राशि लेने से पहले प्रतिबंधित किया जा चुका है।
  • कुछ अस्पताल कैशलेस पॉलिसी होने के बावजूद पहली और दूसरी कोविड लहर के दौरान जमा राशि ले रहे थे।
  • बीमाकर्ताओं को सबसे खराब स्थिति को ध्यान रखते हुए बेनिफिशरीज को कोविड से जुड़ी सहायता के लिए वाॅर रुम अहम होता है।
  • बीमा नियामक ने कंपनियों ने जानकारी दिया है कि डाटा को एक निर्धारित प्रारूप को लेकर जानकारी मिल जाती है।
  • बीमाकर्ताओं ने नियामक से उपचार प्रोटोकॉल के मानकीकरण को लेकर देखने की नसीहत भी दी गई है।