Anil Ambani : अनिल अम्बानी को दिखी एक और उम्मीद की किरन, इस कम्पनी को मिली बोली लगाने की अनुमति

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने गुरुवार को अनिल अंबानी की बैंकरप्ट कंपनी रिलायंस कैपिटल के लिए एक और बोली की अनुमति दे दी है. कर्जदाता फर्म अब कंपनी की बिक्री के लिए एक और बोली प्राप्त कर सकते हैं. कर्जदाताओं ने एसीएलएटी के पास याचिका दायर की थी. इसमें कंपनी की नीलामी के लिए एक और बार बोली के लिए मांग की गई थी.
दो सदस्यीय पीठ ने एनसीएलटी की ओर से पारित एक आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि कर्जदाताओं की समिति सीओसी के पास बातचीत करने और उच्च बोली के लिए बुलाने का अधिकार है. NCLAT ने दोबारा नीलामी आमंत्रित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.
NCLAT ने एनसीएलटी का बदला फैसला
NCLAT का ये आदेश अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल के कर्जदाता में से एक विस्तारा आईटीसीएल इंडिया की ओर से दायर की गई याचिका पर आया है. इस याचिका में एनसीएलटी को आदेश को चुनौती दी गई थी. बता दें कि एनसीएलटी ने दूसरे बोली के लिए की गई मांग को मना कर दिया था और दोबारा बोली नहीं लगाने के लिए कहा था.
इस कंपनी ने लगाई थी सबसे बड़ी बोली
रिलायंस कैपिटल की पहले दौर की नीलामी के दौरान टोरेंट इंवेस्टमेंट ने 8,640 करोड़ रुपये की सबसे हाई प्राइस वाली बोली पेश की थी, जबकि बोली बाद ने हिंदुजा ग्रुप ने 8,950 करोड़ रुपये की बोली पेश की.
ऐसे में टोरेंट इंवेस्टमेंटस ने एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) की ओर रुख किया था. एनसीएलटी ने कहा था कि वित्तीय बोलियों के लिए समय 21 दिसंबर 2022 को ही समाप्त हो गया था और 8,640 करोड़ रुपये टोरेंट इंवेस्टमेंट की सबसे अधिक बोली है.
टोरेंट ने 9 जनवरी को दायर की थी याचिका
टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 9 जनवरी को एक याचिका दायर कर ट्रिब्यूनल से RCap के अधिग्रहण के लिए फिर से नीलामी आयोजित करने की कर्जदाताओं की योजना को रद्द करने की मांग की थी. बाद में IIHL ने भी NCLT के आदेश को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की. रिलायंस कैपिटल पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.