ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे बड़ा बदलाव! जानिए कैसे EVs ने रचा नया इतिहास

भारत की सड़कों पर अब इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की गूंज तेज हो रही है। पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता और सस्ते रखरखाव की चाह ने इलेक्ट्रिक कारों को भारतीय उपभोक्ताओं की पहली पसंद बना दिया है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2025 में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स की रिटेल बिक्री ने नया कीर्तिमान स्थापित किया, जो कुल कार बिक्री का 4% से ज्यादा हिस्सा रहा। यह आंकड़ा न सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर में बदलाव की बयार दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत ग्रीन और सस्टेनेबल भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आइए, इस रोमांचक बदलाव की कहानी को और करीब से जानते हैं।
इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में ऐतिहासिक उछाल
मई 2025 में भारत में 12,304 इलेक्ट्रिक कारें बिकीं, जो पिछले साल मई 2024 की 8,029 यूनिट्स की तुलना में 53% की शानदार बढ़ोतरी को दर्शाता है। अप्रैल 2025 में यह संख्या 12,233 थी, और मई में इसमें मामूली लेकिन सकारात्मक वृद्धि देखी गई। पिछले साल जहां इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी कुल बिक्री में 2.6% थी, वहीं अब यह 4% के पार पहुंच गई है। यह नया रिकॉर्ड इस बात का सबूत है कि भारतीय उपभोक्ता अब पेट्रोल-डीजल कारों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। सस्ती चलने वाली लागत, कम मेंटेनेंस और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना इस बदलाव के पीछे बड़े कारण हैं।
पेट्रोल-डीजल कारों पर बढ़ता दबाव
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता का असर पारंपरिक पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री पर साफ दिख रहा है। FADA की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की कुल बिक्री में हल्की गिरावट देखी गई। यह ट्रेंड बताता है कि उपभोक्ता अब पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक कारें न केवल ईंधन की बचत करती हैं, बल्कि इनका रखरखाव भी किफायती है। हालांकि, FADA ने चेतावनी दी है कि इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर को चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी और बैटरी की ऊंची लागत जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। फिर भी, उपभोक्ताओं का बढ़ता रुझान इस सेक्टर के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देता है।
टू-व्हीलर सेगमेंट की शानदार रफ्तार
जहां पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री में हल्का ठहराव देखा गया, वहीं टू-व्हीलर सेगमेंट ने शानदार प्रदर्शन किया। मई 2025 में टू-व्हीलर्स की बिक्री में 7.3% की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की गई। शादी का सीजन और ग्रामीण भारत में बढ़ती क्रय शक्ति इसके पीछे बड़े कारण रहे। यह ट्रेंड न केवल ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए सकारात्मक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। टू-व्हीलर सेगमेंट में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की मांग भी बढ़ रही है, जो ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक और कदम है।
सस्टेनेबल भविष्य की ओर भारत का सफर
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन अब शुरुआती दौर से निकलकर मुख्यधारा का हिस्सा बन चुके हैं। मई 2025 के आंकड़े इस बात का पक्का सबूत हैं कि भारतीय उपभोक्ता पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं। इलेक्ट्रिक कारें न केवल पेट्रोल-डीजल की तुलना में किफायती हैं, बल्कि ये प्रदूषण कम करने में भी मदद करती हैं। हालांकि, चार्जिंग स्टेशनों की कमी और शुरुआती कीमत जैसी चुनौतियां अभी बाकी हैं, लेकिन सरकार और ऑटोमोबाइल कंपनियों के प्रयासों से ये समस्याएं धीरे-धीरे हल हो रही हैं। भारत का ऑटोमोबाइल भविष्य अब इलेक्ट्रिक वाहनों के इर्द-गिर्द घूम रहा है, और यह बदलाव एक सस्टेनेबल और हरे-भरे कल की नींव रख रहा है।