बुजुर्गों की बल्ले-बल्ले! पेंशन में 175% की बढ़ोतरी का बड़ा ऐलान, जानें कब से मिलेगा फायदा

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बुजुर्गों की बल्ले-बल्ले! पेंशन में 175% की बढ़ोतरी का बड़ा ऐलान, जानें कब से मिलेगा फायदा

Atal Pension Yojana

Photo Credit: upuklive


Pension News : बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने विधानसभा चुनाव से पहले एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो समाज के कमजोर वर्गों और ग्रामीण प्रशासन को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं को मिलने वाली मासिक पेंशन में भारी वृद्धि की घोषणा की गई है।

इसके साथ ही, पंचायती राज प्रतिनिधियों के भत्तों में भी बढ़ोतरी और ग्राम पंचायतों को अधिक अधिकार देने का फैसला लिया गया है। यह कदम न केवल सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण विकास को भी नई गति प्रदान करेगा। आइए, इस बड़े बदलाव को विस्तार से समझें।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन 

बिहार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को और अधिक प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने घोषणा की है कि अब बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं को हर महीने 400 रुपये के बजाय 1,100 रुपये की पेंशन दी जाएगी। यह बढ़ोतरी जुलाई 2025 से लागू होगी, और लाभार्थियों को हर महीने की 10 तारीख को यह राशि उनके खातों में प्राप्त होगी।

इस योजना से राज्य के लगभग 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लोग लाभान्वित होंगे। Nitish Kumar ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, "हमारे समाज में बुजुर्ग और कमजोर वर्ग हमारी अमूल्य धरोहर हैं। उनकी गरिमा और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है।" यह कदम न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि समाज में इन वर्गों के प्रति सम्मान को भी मजबूत करेगा।

पंचायती राज को नई ताकत

सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ, Nitish Kumar ने पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जिला परिषद अध्यक्षों का मासिक भत्ता 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये, उपाध्यक्षों का भत्ता 10,000 से 20,000 रुपये और मुखियाओं का भत्ता 5,000 से 7,500 रुपये कर दिया गया है।

इसके अलावा, ग्राम पंचायत मुखियाओं को मनरेगा योजनाओं के लिए 10 लाख रुपये तक की योजनाओं को स्वीकृत करने का अधिकार दिया गया है, जो पहले केवल 5 लाख रुपये तक सीमित था। यह बदलाव ग्रामीण विकास को गति देने और स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

चुनावी माहौल में नीतीश का मास्टरस्ट्रोक

बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन, जिसमें बीजेपी और जेडीयू शामिल हैं, सरकार बनाने के लिए जोर-शोर से प्रचार में जुटे हैं। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन भी अपनी रणनीतियों को तेज कर रहा है। ऐसे में Nitish Kumar का यह ऐलान एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जो न केवल सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण और कमजोर वर्गों के बीच उनकी लोकप्रियता को और मजबूत कर सकता है।

यह फैसला न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।