समय से पहले इनकम टैक्स भरने के फायदे: जानिए पूरी जानकारी!

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समय से पहले इनकम टैक्स भरने के फायदे: जानिए पूरी जानकारी!

Income Tax


Income Tax: आयकर रिटर्न दाखिल करते समय टीडीएस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टीडीएस सरकार द्वारा जारी की जाने वाली एक तरह की व्यवस्था है। इसमें करदाता की आय से काटा गया कर शामिल होता है।

टीडीएस क्या है।

आपको बता दें कि टीडीएस एक तरह की व्यवस्था है जिसे सरकार ने कर चोरी रोकने के लिए शुरू किया था। यह किसी भी वेतन, ब्याज, किराया या पेशेवर शुल्क का भुगतान करने से पहले एक निश्चित राशि में कर के रूप में काटा जाता है। टीडीएस में शामिल राशि सीधे सरकार के पास जाती है।

यदि अधिक टीडीएस राशि कटती है, तो करदाता आईटीआर दाखिल करते समय टीडीएस कटौती का दावा कर सकता है। आईटीआर में फॉर्म 26एएस में टीडीएस से संबंधित राशि की जानकारी होती है।

फॉर्म 26एएस में ये जानकारी होती है

फॉर्म 26एएस के भाग ए में पूरे कारोबारी वर्ष में आय से काटे गए टीडीएस की जानकारी होती है। इसमें कटौतीकर्ता का नाम, टैन नंबर, आय का स्रोत, टीडीएस जमा करने की तिथि आदि जैसी जानकारी होती है।

फॉर्म 26एएस में दी गई टीडीएस जानकारी को सत्यापित करने के बाद ही दाखिल करना चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि अगर फॉर्म 26AS में टीडीएस से जुड़ी जानकारी फॉर्म 16 से मेल नहीं खाती तो क्या करें?

अगर फॉर्म 26AS में टीडीएस से जुड़ी जानकारी सही नहीं है या उसमें कोई गड़बड़ी है तो क्या करें

अगर फॉर्म 26AS में टीडीएस से जुड़ी जानकारी सही नहीं है या उसमें कोई गड़बड़ी है तो करदाता उसमें संशोधन कर सकता है। आयकर विभाग ने करदाताओं को जानकारी संशोधन की सुविधा दी है।

आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, करदाता सही कारण बताकर फॉर्म 26AS में दी गई टीडीएस जानकारी में संशोधन कर सकता है। गलत पैन नंबर से टैक्स कटने या आयकर विभाग को टीडीएस विवरण की जानकारी न देने जैसे मामलों में करदाता संशोधन नहीं कर सकता।

इसी वजह से आयकर विभाग की ओर से यह भी सलाह दी जाती है कि करदाता फॉर्म 26AS में दिखाई गई जानकारी को सत्यापित कर लें। अगर फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी गलत है तो उसे सही करवा लें। इसके लिए करदाता टीडीएस/टीसीएस सुधार विवरण भी दाखिल कर सकता है।