बड़ा झटका! इन किसानों को छीन ली गई PM KISAN YOJANA की किस्त, जानिए क्या हुआ

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बड़ा झटका! इन किसानों को छीन ली गई PM KISAN YOJANA की किस्त, जानिए क्या हुआ

 17th installment


लघु-सीमांत किसानों ने ई-केवाईसी का काम नहीं करवाया तो किस्त की राशि लटक जाएगी, जिससे लोगों को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ेगा, जिसे जानना आपके लिए बहुत ही आवश्यक है।
 

केंद्र सरकार अब जल्द ही किसानों के लिए खजाने का पिटारा खोलने जा रही है, जिसकी चर्चा खूब चल रही है। सरकार की ओर से अब जल्द ही 2,000 रुपये की किस्त मिलने वाली है जो किसी बड़े तोहफे की तरह होगी।

माना जा रहा है कि सरकार किसी भी दिन 2,000 रुपये की 17वीं किस्त अकाउंट में ट्रांसफर होने वाली है, जिसका फायदा बड़े स्तर पर देखने को मिलेगा।

अगर आप किस्त का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो फिर जरूरी काम करा लें। अगर आपने तय किए गए काम नहीं किए तो फिर यह किसी बड़े झटके की तरह होगा, जिसे जानना आपके लिए बहुत ही आवश्यक है।

किसानों को नीचे जानना होगा कि क्या नहीं कराने पर किस्त का फायदा नहीं मिलेगा, जिसे जानना बहुत ही आवश्यक है।

इन किसानों को नहीं मिलेगी 2,000 रुपये की 17वीं किस्त

अगर आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना से लिस्ट है तो फिर चिंता ना करें। लघु-सीमांत किसानों ने ई-केवाईसी का काम नहीं करवाया तो किस्त की राशि लटक जाएगी, जिससे लोगों को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ेगा, जिसे जानना आपके लिए बहुत ही आवश्यक है।

इसके अलावा किसानों को भू-सत्यापन का काम करवाना होगा। ये दोनों काम नहीं करवाया तो फिर किस्त का पैसा फंसना तय है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा, जिसे जानना बहुत ही जरूरी है। लघु-सीमांत किसान इन कार्यों को कराने के लिए ज्यादा परेशान ना हों।

आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी यह काम आसानी से करवा सकते हैं जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। समय रहते काम करवाया तो फिर किस्त का पैसा मिल जाएगा।

सालाना मिल रही इतनी किस्तें

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार कृषकों को हर साल 2,000 रुपये की तीन किस्तों में 6,000 रुपये ट्रांसफर करती है, जिसका बड़े स्तर पर बंपर फायदा देखने को मिलता है। प्रत्येक किस्त भेजने का अंतराल 4 महीने का होता है, जिसका समय रहते लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के उत्थान के लिए इस योजना का आगाज किया गया है, जिसका जमीं पर बंपर फायदा देखने को मिलता है। आधिकारिक रिपोर्ट की मानें तो करीब 12 करोड़ किसान ऐसे हैं जो योजना से लिंक हैं।