EPF नियमों में बदलाव: UAN फ्रीज-डीफ्रीज के लिए जानिए जरूरी बातें

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Business

EPF नियमों में बदलाव: UAN फ्रीज-डीफ्रीज के लिए जानिए जरूरी बातें

 Employee Provident Fund


दरअसल  “फ्रीजिंग” का मतलब कैटेगरीज को कई कामों को निष्क्रिय करना है, जिससे आप यहां पर बताया गया प्रक्रिया अपनाना होगा, तो वही अगर आप ईपीएफ खाते को डीफ्रीज करना चाहते हैं तो यहां पर कामों को सक्रिय करना होता है।

देश में लाखों करोड़ लोग ऐसे हैं जो सरकारी से लेकर प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते हैं। इन कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा के लिहाज से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से खाता खोला जाता है। जिससे यहां पर ईपीएफओ की ओर से खाता धारकों को बड़ी सुविधा देने का काम किया जा रहा है। जिस हाल में ऐसे कई नियम अपडेट किए गए हैं जिसे हर खाताधारक को जरूर जानना चाहिए।

आप को बता दें कि में ऐप में एक और हम कदम उठाया गया है जो वेरिफिकेशन के लिए किसी भी व्यक्ति या कंपनी के अकाउंट को फ्रीज करने की लिमिट को लेकर है आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार ऐसे खातों में फर्जी लेनदेन या धोखाधड़ी होने की संभावना है जिससे मिड उन और संस्थाओं के लिए वेरिफिकेशन के कई स्टेप से गुजरना होगा जिससे आप सुरक्षित किया जाएगा।

इन खाता अकाउंट में पैसा सुरक्षित रहे जिसके लिए हाल ही में ईपीएफओ ने खाता धारक और नियोक्ता के अकाउंट के वेरिफिकेशन के लिए फ्रिज किए जाने वाली अवधि की लिमिट 30 दिन तक सेट कर दी है। जबकि इस 14 दिन तक और बढ़ाया जा सकता है।

 

जानिए क्या है ईपीएफ खाते में फ्रीज और डीफ्रीज

दरअसल “फ्रीजिंग” का मतलब कैटेगरीज को कई कामों को निष्क्रिय करना है, जिससे आप यहां पर बताया गया प्रक्रिया अपनाना होगा, तो वही अगर आप ईपीएफ खाते को डीफ्रीज करना चाहते हैं तो यहां पर कामों को सक्रिय करना होता है। जिससे यहां पर आप को बताए गए तरीके से ईपीएफ खाते में फ्रीज और डीफ्रीज कर सकते हैं।

ऐसे करें ईपीएफ खाते में फ्रीज

अगर आप ईपीएफ खाते को फ्रीज करना चाहते हैं, तो यहां पर यूनिफाइड पोर्टल (सदस्य/नियोक्ता) में लॉगिन करना, जिससे अब एक नया यूएएन बनाना या एमआईडी को पहले से मौजूद यूएएन से लिंक करें पर आप को मेंबर प्रोफाइल और केवाईसी/नियोक्ता डीएससी में कोई भी जोड़ या बदलाव करने का ऑप्सन मिल जाता है।

ईपीएफ खाते में डीफ्रीज

डी-फ्रीजिंग का मतलब है कि जिन कामों पर रोक लगाई गई है, उन्हें फिर से बहाल करना है और एक तय टाइम लिमिट में वैरिफिकेशन के बाद में होता है। जिससे यहां पर फिर से सक्रिय हो जाता है।