केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में बदलाव? सरकार ने बताया सच्चाई

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केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में बदलाव? सरकार ने बताया सच्चाई

Employees retirement age

Photo Credit: Employees retirement age


पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में दो साल की वृद्धि कर दी है। इस दावे के साथ यह भी कहा जा रहा है कि यह निर्णय 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। हालांकि, सरकार ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी बताया है।

सरकार का आधिकारिक जवाब: "कोई बदलाव नहीं हुआ"

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया है कि सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में किसी भी प्रकार का बदलाव करने का कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। उन्होंने यह भी बताया कि न तो जल्दी सेवानिवृत्ति की योजना है, न ही देर से रिटायरमेंट की। यह जानकारी सांसद तेजवीर सिंह के सवाल पर दी गई।

वायरल हो रहे लेटर का सच

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कथित सरकारी लेटर में दावा किया जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में रिटायरमेंट आयु बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। इस लेटर में यह भी लिखा गया है कि यह निर्णय 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। हालांकि, प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे को फर्जी बताया है। PIB ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।

रिटायरमेंट आयु में बदलाव का इतिहास

केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में अंतिम बार बदलाव 1998 में हुआ था, जब इसे 58 साल से बढ़ाकर 60 साल कर दिया गया था। यह निर्णय पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश पर लिया गया था। तब से अब तक 26 वर्षों में इस आयु में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वेतन आयोग का गठन सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं को सुधारने के लिए किया जाता है। अब तक सात वेतन आयोगों का गठन हुआ है, लेकिन आठवें का गठन अभी तक नहीं हुआ है।

वेतन आयोगों की भूमिका

वेतन आयोग का गठन सरकार द्वारा कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने और उनके वेतन में सुधार के लिए किया जाता है। यह आयोग वित्त मंत्रालय के अधीन काम करता है। अब तक सात वेतन आयोगों का गठन हुआ है, जिनमें से पांचवें वेतन आयोग ने 1998 में रिटायरमेंट आयु बढ़ाने की सिफारिश की थी। सातवें वेतन आयोग का गठन 2013 में हुआ था, लेकिन उसके बाद आठवें का गठन नहीं हुआ है।

कर्मचारियों के लिए मौजूदा विकल्प

हालांकि सरकार ने रिटायरमेंट आयु में बदलाव नहीं किया है, लेकिन कर्मचारियों के पास समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने का विकल्प है। यह विकल्प केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 और अखिल भारतीय सेवा (डेथ-कम-रिटायरमेंट बेनिफिट) नियम, 1958 के तहत उपलब्ध है।