EPFO Update : मोदी सरकार का बड़ा तोहफा! रिटायरमेंट होगा टेंशन फ्री, जानें डिटेल्स

EPFO Update : प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले पीएफ कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। मोदी सरकार ने जब से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को हरी झंडी दी, तब से कर्मचारी अपनी मिनिमम पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
हर तरफ से आवाज उठ रही है कि पेंशन की रकम को बढ़ाया जाए, ताकि रिटायरमेंट के बाद जिंदगी मौज में कटे। पेंशनर्स संगठन तो लंबे वक्त से 7,500 रुपये की मिनिमम पेंशन की मांग कर रहे हैं।
अगर सरकार ने इस पर मुहर लगा दी, तो लाखों कर्मचारियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा।
अभी क्या है पेंशन का हाल?
फिलहाल, ईपीएस (Employees' Pension Scheme) के तहत पीएफ कर्मचारियों को मिनिमम पेंशन के तौर पर सिर्फ 1,000 रुपये मिलते हैं। ये राशि साल 2014 में तय की गई थी, और तब से लेकर आज तक इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ।
पेंशनर्स को उम्मीद थी कि सरकार जल्द ही इसे बढ़ाएगी, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई। हां, मीडिया में खबरें जरूर चल रही हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है। हर कोई बस इंतजार में है कि कब सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाएगी।
पेंशनर्स ने सरकार से लगाई गुहार
पेंशनभोगियों के एक ग्रुप ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों का एक लंबा-चौड़ा ज्ञापन सौंपा। उनकी सबसे बड़ी डिमांड थी कि मिनिमम पेंशन को 7,500 रुपये तक बढ़ाया जाए।
इसके अलावा, महंगाई भत्ते में इजाफा और पेंशनर्स व उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा भी मांगी गई।
वित्त मंत्री ने इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए विचार करने का भरोसा दिलाया। संगठन का कहना है कि 2014 के बाद से पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, जबकि आज 36 लाख से ज्यादा लोग इस स्कीम से जुड़े हैं।
पीएफ ब्याज पर भी आया अपडेट
ईपीएफओ की हालिया बैठक में कर्मचारियों के लिए ब्याज का ऐलान किया गया। वित्तीय साल 2024-25 के लिए ब्याज दर 8.25% पर बरकरार रखी गई है। भले ही इसमें बढ़ोतरी न हुई हो, लेकिन कर्मचारियों के खातों में जल्द ही पैसा आने वाला है।
सरकार ईपीएफओ को रकम जारी करेगी, जिसका फायदा देश भर के लगभग 7 करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा। ये खबर सुनकर पीएफ खाताधारकों के चेहरे पर थोड़ी राहत तो जरूर आई होगी।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। अगर मिनिमम पेंशन बढ़कर 7,500 रुपये हो जाती है, तो ये प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात होगी।
साथ ही मुफ्त इलाज और महंगाई भत्ते की मांग पूरी हुई, तो रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी सचमुच आसान हो सकती है।