EPS: प्राइवेट नौकरी वालों को मंथली मिलेगी इतने हजार रुपये पेंशन, जानिये EPS में पेंशन के क्‍या हैं मौजूदा नियम

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EPS: प्राइवेट नौकरी वालों को मंथली मिलेगी इतने हजार रुपये पेंशन, जानिये EPS में पेंशन के क्‍या हैं मौजूदा नियम

EPS formula

Photo Credit: upuklive


नई दिल्ली: निजी संस्थाओं में नौकरी करने वालों को फ्यूचर की चिंता सताती है कि उनके खर्च का माध्यम क्या होगा। प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हुए आपका पीएफ कट रहा है तो कतई भी चिंता ना करें, क्योंकि आपके बुढ़ापे का इंतजाम में कर दिया गया है।

अब आपको नौकरी के बाद हर महीने के हिसाब से पेंशन का लाभ दिया जाएगा। अब निजी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को ईपीएएस की सुविधा का लाभ दिया जाएगा, जिससे हर महीना खर्च लायक पेंशन मिलेगी।

पीएफ कर्मचारियों के दिमाग में बाच चल रही होगी कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद कितनी सैलरी प्रदान की जाएगी। अगर नहीं पता तो हमारे आर्टिकल में पूरे कैलकुलेशन को आसानी से समझ सकते हैं। ईपीएस का फायदा बड़ी संख्या में कर्मियों को मिलेगा।

पेंशन मिलने के नियम

किसी निजी कंपनी में जॉब करते हुए आपका पीएफ कट रहा है तो फिर पेंशन मिलने के जरूर नियमों को आसानी से समझ जाएं। ईपीएस के लिए आपकी अधिकतम बेसकि सैलरी 15,000 रुपये है। पेंशन के लिए आपको अधिकतम नौकरी करीब 35 साल है।

ऐसी स्थिति में कर्मचारी 58 साल की आयु बाद पेंशन के लिए लिए मान्य माना जाता है। ईपीएस पेंशन 1,000 रुपये है। पेंशन पाने के लिए लगातार मिनिमम दस साल सर्विस करना बहुत ही जरूरी माना जाता है। 50 साल के बाद और 58 वर्ष से पहले पेंशन लेने का रास्ता खुला होता है।

पेंशन के लिए आपको फॉर्म 10डी भरना पड़ेगा। किसी वजह से कर्मचारी की मौत हो जाती है तो परिवार में किसी भी सदस्य को पेंशन का लाभ मिल जाएगा। आपने सर्विस 10 साल से कम की है तो 58 साल की आयु में पेंशन का पैसा निकालने का विकल्प आपके पास होगा।

ईपीएफओ मंथली ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+ डीए का 12 फीसदी जमा किया जाता है। कर्मचारी का योगदान भी इसके बराबर ही रहता है। इसमें से 8.33 फीसदी राशि कर्मचारी पेंशन फंड में चली जाती है।

बाकी 3.67 की राशि पीएफ अकाउंट में जाती है। ईपीएफ खाते में कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 12 प्रतिशत जमा हो जाता है। 12 प्रतिशत रकम दो हिस्सों में होती है।

इतनी मिलेगी पेंशन

पीएफ कर्मचारी की ईपीएस में कितनी पेंशन दी जाएगी, इशका आसानी से फॉर्मूला समझ सकते हैं. ईपीएस= औसत सैलरी एक्स पेंशनेबल सर्विस/70 यहां औसत सैलरी से मतलब बेसिक सैलरी+डीए रहता है। बीते 12 महीने के आधार निकालने का काम किया जाता है।

अधिकतम पेंशनेबल 35 साल है तो अब कंट्रीब्यूशन और नौकरे के साल पर ईपीएस कैलकुलेशन से पेंशन समझनी होगी। 15000X35/70= 7500 हजार रुपये प्रति महीने। नियमों के अनुसार अधिकतम 7500 हजार और न्यूनतम 1000 रुपये की पेंशन निजी कंपनी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मिलेगी।