Farmer Scheme : सरकार ने कर दी किसानों की मौज, अब बिना ब्याज मिलेगा मोटा पैसा

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Business

Farmer Scheme : सरकार ने कर दी किसानों की मौज, अब बिना ब्याज मिलेगा मोटा पैसा

pic


किसानों की आर्थिक सहायता के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें विभिन्न योजनाएं चलाती हैं. केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि इसका एक उदाहरण है. सरकार इसके तहत किसानों को हर 4 महीने पर 2000 रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराती है.

इसी तरह से अन्य कई राज्यों में भी कुछ स्कीम्स चलाई जाती हैं. अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने किसानों के लिए ब्याज मुक्त ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. इसका मतलब है कि अब किसानों को 5 लाख रुपये तक के लोन पर कोई ब्याज नहीं देना होगा.

लोन की रकम में इस वृद्धि को 1 अप्रैल 2023 से लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि किसानों को लोन में कोई परेशानी न हो.

उन्होंने बताया कि इस साल 30 लाख से अधिक किसानों को 25,000 करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा. इतना ही नहीं सरकार भू श्री योजना के तबत इस आगामी वित्त वर्ष में किसानों को 10,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देगी. यह लाभ किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को मिलेगा.

नाबार्ड भी करेगा मदद

मुख्यमंत्री बोम्मई ने बताया कि 10,000 रुपये में से 2500 राज्य सरकार और 7500 रुपे नाबार्ड की ओर से दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को खेती के लिए जरूरी बीज, खाद, कीटनाशक व अन्य सामग्री सही समय पर खरीदने में मदद मिलेगी. बकौल मुख्यमंत्री, इससे राज्य के 50 लाख किसानों को लाभ पहुंचने वाला है.

इसके अलावा उन्होंने श्रम शक्ति योजना का भी ऐलान किया जिसके तहत भूमिहीन महिला खेतिहर मजदूरों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए 500 रुपये प्रति माह की सहायता दी जाएगी. डीबीटी के तहत पैसे सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचा दिए जाते हैं.

राजस्व में बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार राज्य का राजस्व कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार खर्च से 402 करोड़ रुपये अधिक हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये एक सरप्लस बजट है. बता दें कि कर्नाटक में अप्रैल-मई में ही विधानसभा के चुनाव होने हैं इसलिए बजट में कुछ लोक-लुभावन वादे देखने को मिले.