भारतीय रेलवे कैसे तय करता है ट्रेन का नाम? रेलवे का ये फॉर्मूला जानकर हैरान रह जाएंगे

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भारतीय रेलवे कैसे तय करता है ट्रेन का नाम? रेलवे का ये फॉर्मूला जानकर हैरान रह जाएंगे

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इंडियन रेलवे हर दिन 11 हजार ट्रेनों का संचालन करता है। एक जानकारी के मुताबिक, इंडियन रेलवे के पास 9 हजार मालगाड़ियां, 13 हजार रेलगाड़ियां और 7 हजार से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय ट्रेनों का नाम कैसे रखा जाता है.

जब भी आप ट्रेन में सफर करते होंगे तो आपने गौर किया होगा कि इंडियन रेलवे की हर ट्रेन का एक नाम होता है। ये नाम तय करने के लिए रेलवे एक फॉर्मूले पर काम करता है। दरअसल ट्रेन जहां से शुरू होती है और जहां खत्म होती है, उन जगहों के नाम के हिसाब से हर ट्रेन का नाम रखा जाता है। उदाहरण के लिए चेन्नई-जयपुर एक्सप्रेस, कोटा-पटना एक्सप्रेस.

इसके अलावा किसी धार्मिक स्थल या फिर लोकेशन का भी ध्यान रखा जाता है। जैसे काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस. बिहार के वैशाली जिले का संबंध भगवान गौतम बुद्ध से है जबकि बनारस का भगवान शंकर से, लिहाजा इन ऐतिहासिक स्थलों पर भी ट्रेनों के नाम रखे गए हैं।

वहीं आपने शताब्दी और राजधानी सुपरफास्ट ट्रेनों में तो सफर जरूर किया होगा। राजधानी एक्सप्रेस यानी वो ट्रेन जो राजधानियों के बीच दौड़ती है। ये ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के 100वें जन्मदिन के मौके पर साल 1989 में शताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी।

100 साल की अवधि को एक सदी या शताब्दी कहा जाता है, इसलिए इस ट्रेन का नाम शताब्दी एक्सप्रेस रखा गया. यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है। इसके अलावा दुरंतो ट्रेन कुछ ही स्टेशनों पर रुकती है। दुरंतों का मतलब होता है बिना किसी रुकावट के. इसलिए इस ट्रेन को दुरंतो कहा जाता है. इस ट्रेन की स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटा है।