Income Tax : टैक्सपेयर्स को HRA क्लेम करने पर मिली है ये छूट, जान लें नियम

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Income Tax : टैक्सपेयर्स को HRA क्लेम करने पर मिली है ये छूट, जान लें नियम

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने वाले वेतनभोगी टैक्सपेयर्स के लिए केंद्रीय बजट में छूट के साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा दिया था.

वही नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स छूट की लिमिट में भी बढ़ोतरी की गई है. टैक्स लिमिट बढ़ने के बाद भी अगर आपकी आय टैक्स की कैटेगरी में आ रही है तो आप पूराने टैक्स व्यवस्था के तहत कई क्लेम करके टैक्स बचा सकते हैं.

पुराने टैक्स व्यवस्था के तहत आप हाउस रेंट अलाउंस को क्लेम करके भी टैक्स की बचत कर सकते हैं. यह समझना महत्वपूर्ण है कि वेतनभोगी व्यक्ति हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर कितना टैक्स बचा सकते हैं और इसके क्लेम करने का नियम क्या है.

क्या है एचआरए

हाउस रेंट अलाउंस (HRA) एक कंपनी की ओर से एक कर्मचारी को घर के किराये के खर्चों के भुगतान के बदले कर्मचारी को दिया जाने वाला भत्ता है. HRA उस सैलरी कंपोनेंट में शामिल होता है, जो कंपनी कर्मचारी को देती है.

आयकर अधिनियम के नियमन संख्या 2ए के तहत सैलरी पाने वाला कर्मचारी आयकर अधिनियम की धारा 10 (13ए) के तहत एचआरए छूट के योग्य है. ये छूट नई टैक्स रिजिम के तहत नहीं दिया जााता है.

एचआरए पर टैक्स छूट का कैलकुलेशन

  • मेट्रो शहरों में रहने वालों के लिए मूल वेतन + डीए का 50 फीसदी
  • गैर-महानगरों में रहने वालों के लिए मूल वेतन + डीए का 40 फीसदी
  • भुगतान किया गया वास्तविक किराया मूल वेतन + डीए के 10 फीसदी से कम

एचआरए के क्या हैं फायदे

HRA के जरिए उन लोगों को फायदा होता है जो खुद के मकान में नहीं रहते और किराये के घर में रहते हैं.

एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस के लिए लोगों को अपने एंप्लॉयर को जानकारी देनी होती है जिसके बाद वो एचआरए क्लेम कर सकते हैं.