Savings Account Minimum Balance Rule: बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नियम है जो हर खाताधारक को जानना आवश्यक है। अगर आपका किसी बैंक में सेविंग अकाउंट है, तो ज्यादातर बैंक आपसे उसमें मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की मांग करते हैं। यह अमाउंट आपके अकाउंट और बैंकों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। अगर आप अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते, तो बैंक आपसे एक पेनल्टी वसूलता है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मिनिमम बैलेंस नियम
देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने कुछ साल पहले नेगेटिव पब्लिसिटी के चलते इस तरह के चार्ज वसूलना बंद कर दिया था। 2020 से SBI बैंक मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस न रखने पर कोई चार्ज नहीं वसूल रहा है। एचडीएफसी बैंक का मिनिमम बैलेंस नियम
HDFC बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्रों के लिए औसत मासिक बैलेंस 10,000 रुपये है, या एक साल और एक दिन के लिए 1 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट रखना होगा। सेमी अरबन यानी अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए यह नियम 5,000 रुपये या 1 साल 1 दिन की अवधि के लिए 50,000 रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट रखना जरूरी है। आईसीआईसीआई बैंक का मिनिमम बैलेंस नियम
इस बैंक में मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) 5000 रुपये है। यह नहीं रखने पर 100 रुपये+ जरूरी MAB में कमी का 5% पेनल्टी के तौर पर वसूला जाता है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का मिनिमम बैलेंस नियम
अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर पेनल्टी, ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) के लिए 400 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों (Semi Urban) के लिए 500 रुपये और शहरी/मेट्रो (Urban/Metro) के लिए 600 रुपये है। यानी जगहों के आधार पर मिनिमम बैलेंस न रखने के चार्ज अलग-अलग हैं। यस बैंक का मिनिमम बैलेंस नियम
यस बैंक में मिनिमम बैलेंस को लेकर कोई चार्ज नहीं वसूला जाता है। यानी अगर बैलेंस आवश्यकता के 100% से कम या बराबर है तो कोई चार्ज नहीं लगेगा। यदि बैलेंस जरूरी बैलेंस का 50% से ज्यादा है तो शॉर्टफॉल का 5% चार्ज और यदि बैलेंस जरूरी बैलेंस का 50% से कम या बराबर है तो शॉर्टफॉल का 10%। इंडसइंड बैंक का मिनिमम बैलेंस नियम
इंडसइंड बैंक के ग्राहक जिनके सेविंग अकाउंट ए और बी श्रेणी की शाखाओं में हैं उन्हें बचत खाते में न्यूनतम 10,000 रुपये का बैलेंस बनाए रखना होगा। जिन ग्राहकों के पास श्रेणी सी शाखाओं में बचत खाते हैं, उन्हें 5,000 रुपये रखना आवश्यक है। बैंकों द्वारा वसूले गए जुर्माने का आंकड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 साल के दौरान सरकारी बैंकों (PSU Banks) ने मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर ग्राहकों से 8,495 करोड़ रुपये पेनल्टी के तौर पर वसूले हैं। सरकारी बैंक PNB ने इस मामले में अपने ग्राहकों से 1,538 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूल करके एक रिकॉर्ड बनाया है।