राशन कार्ड में बड़ा बदलाव: 5.8 करोड़ कार्ड रद्द, जानें क्या है वजह
मंत्रालय ने बताया कि पीडीएस प्रणाली में सुधार के तहत 80.6 करोड़ लाभार्थियों को सर्विस देने में आधार सत्यापन और ई-केवाईसी की व्यवस्था से 5.8 करोड़ नकली राशन कार्ड हटाए गए हैं।
अगर आप राशन कार्ड धारक हैं और सरकार की सस्ती या फ्री राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने 5.8 करोड़ फर्जी राशन कार्ड को रद्द किया है। यह कदम डिजिटलाइजेशन ड्राइव के तहत उठाया गया है। देश के पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे फर्जी राशन कार्ड की पहचान संभव हो पाई है।
इससे खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए नए मानक स्थापित होने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि वास्तविक जरूरतमंद लोगों को ही राशन मिल सके।
जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने में मिली कामयाबी
मंत्रालय ने बताया कि पीडीएस प्रणाली में सुधार के तहत 80.6 करोड़ लाभार्थियों को सर्विस देने में आधार सत्यापन और ई-केवाईसी की व्यवस्था से 5.8 करोड़ नकली राशन कार्ड हटाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप गड़बड़ी में कमी आई है, जिससे सही लाभार्थियों तक राशन पहुंचने में मदद मिली है।
लगभग सभी 20.4 करोड़ राशन कार्ड को डिजिटल (Digital) किया गया है, जिनमें से 99.8 प्रतिशत आधार से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, 98.7 प्रतिशत लाभार्थियों की पहचान बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से की गई है। इस प्रक्रिया ने पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। (ration card holders updates)
5.33 लाख ई-पीओएस इक्युपमेंट लगाये गये
देशभर में उचित मूल्य की दुकानों पर 5.33 लाख ई-पीओएस (E-POS) इक्युपमेंट लगाए गए हैं, जिससे अनाज वितरण में आधार के जरिये सत्यापन किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि राशन सही व्यक्ति तक पहुंचे। मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में कुल अनाज वितरण का करीब 98 प्रतिशत आधार सत्यापन के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे पात्रता न रखने वाले लाभार्थियों को अलग करना और कालाबजारी को कम करने में मदद मिल रही है।
पीडीएस लाभार्थियों में से 64 प्रतिशत का वेरिफिकेशन पूरा
सरकार की ई-केवाईसी पहल के तहत 64% पीडीएस लाभार्थियों का सत्यापन हो चुका है, जबकि शेष का सत्यापन राशन दुकानों पर जारी है। खाद्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने वास्तविक समय में खाद्य आपूर्ति की निगरानी के लिए रेलवे (railway) के साथ वाहन निगरानी प्रणाली लागू की है। इससे खाद्यान्न की सही स्थान पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना के तहत राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी (Portability of Ration Card) संभव हुई है, जो लाभार्थियों के लिए सुविधा पैदा करती है।
देश में कहीं भी ले सकेंगे राशन
‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना से लाभार्थियों को देशभर में कहीं भी राशन लेने की सुविधा मिली है। सरकार ने इस योजना के अंतर्गत डिजिटलीकरण और सही पहचान के माध्यम से खाद्य सुरक्षा (food security) में एक मानक स्थापित किया है। यह प्रणाली खरीद से लेकर वितरण तक सभी प्रक्रिया को डिजिटाइज करती है, जिससे फर्जी कार्ड (fake ration card) और गलत प्रविष्टियों को समाप्त किया जा सके।
इसने वास्तविक लाभार्थियों तक राशन वितरण सुनिश्चित किया है, जिससे खाद्य सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया गया है।