रमजान में सऊदी की खजूर बेचकर कमाता है करोड़ों! जानिए कैसे बनता है ये मुनाफा

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रमजान में सऊदी की खजूर बेचकर कमाता है करोड़ों! जानिए कैसे बनता है ये मुनाफा

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रमजान का महीना सऊदी अरब के लिए न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह उनके खजूर निर्यात के लिए भी सुनहरा अवसर है। सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा खजूर उत्पादक देश है, और रमजान के दौरान इसकी मांग कई गुना बढ़ जाती है। यहां की खजूरें न सिर्फ मध्य पूर्व, बल्कि एशिया, यूरोप और अमेरिका तक भी एक्सपोर्ट की जाती हैं। रमजान में खजूर का उपभोग बढ़ने से सऊदी को विशाल मुनाफा होता है, जो उनकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है।

अजवा खजूर: दुनिया की सबसे महंगी खजूर का राज

सऊदी अरब की खजूरों में सबसे प्रीमियम है अजवा खजूर। यह खजूर केवल मदीना शहर में उगाई जाती है, जो मुसलमानों के लिए दूसरा सबसे पवित्र शहर है। अजवा खजूर की कीमत भारत में 14,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है, जो इसे दुनिया की सबसे महंगी खजूर बनाती है। इसकी खासियत है इसकी मिठास और पौष्टिकता, जो इसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व देती है। मदीना की विशेष जलवायु ही इस खजूर की पैदावार का कारण है, जो दुनिया में कहीं और नहीं मिलती।

सऊदी की खजूर की वैश्विक मांग और एक्सपोर्ट

रमजान के दौरान खजूर की मांग में भारी वृद्धि होती है। सऊदी अरब इस मांग को पूरा करने के लिए अपनी खजूरों को दुनिया भर में एक्सपोर्ट करता है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में इसकी डिमांड सबसे अधिक है। यहां की खजूरें न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि इन्हें पवित्र माना जाता है। सऊदी की खजूरों का निर्यात न केवल आर्थिक लाभ देता है, बल्कि यह इस्लामिक मूल्यों को भी प्रचारित करता है।

रमजान के दौरान खजूर की कीमतों में उछाल

रमजान के महीने में खजूर की कीमतें आसमान छूने लगती हैं। भारत में ईरान, इराक, ओमान और अल्जीरिया की खजूरें 160 से 500 रुपये प्रति किलो तक बिकती हैं, जबकि सऊदी की खजूरें 700 से 1600 रुपये तक में मिलती हैं। अजवा खजूर की कीमत तो 2000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है। यह कीमतों में उछाल इसलिए होता है क्योंकि रमजान में खजूर का उपभोग बढ़ता है, और सप्लाई चेन में कुछ देशों के युद्ध जैसे इजराइल-हमास के कारण दाम बढ़ते हैं।

सऊदी की खजूर का भारतीय बाजार में प्रभुत्व

भारत में सऊदी की खजूरों का प्रभुत्व है। यहां के बाजार में अजवा खजूर की मांग सबसे अधिक है, हालांकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। सऊदी की खजूरों को उनकी गुणवत्ता और पवित्रता के लिए जाना जाता है। रमजान के दौरान भारतीय मुसलमान समुदाय इन खजूरों को रोजा खोलने और ईद के व्यंजनों में इस्तेमाल करते हैं। सऊदी की खजूरों का निर्यात न केवल भारतीय बाजार को पूरा करता है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को भी मजबूत बनाता है।

सऊदी की खजूर की वैश्विक वितरण और दान

सऊदी अरब ने रमजान के अवसर पर 102 देशों में 700 टन खजूर भेजने की घोषणा की है। यह दान इस्लामिक मूल्यों के प्रचार और सऊदी की वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। खजूर को रमजान के दौरान रोजा खोलने के लिए पवित्र माना जाता है, और यह दान दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक उपहार की तरह है। सऊदी की यह पहल न केवल धार्मिक भावनाओं को जगाती है, बल्कि यह उनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी मजबूत करती है।