मोदी सरकार का ऐतिहासिक तोहफा: 12 लाख तक कमाने वालों की जेब में रहेगा पूरा पैसा!

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मोदी सरकार का ऐतिहासिक तोहफा: 12 लाख तक कमाने वालों की जेब में रहेगा पूरा पैसा!

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Photo Credit: upuklive


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए बजट 2025 में मध्यम वर्ग को एक ऐसा तोहफा दिया है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह फैसला करोड़ों भारतीयों के लिए वरदान साबित होगा, जो लंबे समय से टैक्स में राहत की मांग कर रहे थे।

नई टैक्स व्यवस्था में क्या है खास

नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है। चार लाख रुपये तक की आय पर शून्य प्रतिशत, चार से आठ लाख रुपये की आमदनी पर 5%, आठ से बारह लाख रुपये की आमदनी पर 10%, और बारह से सोलह लाख रुपये की आमदनी पर 15% टैक्स लगेगा। इस नई व्यवस्था से 18 लाख रुपये वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को 70,000 रुपये और 12 लाख रुपये वार्षिक आय वालों को 80,000 रुपये की टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान

बजट में वरिष्ठ नागरिकों को भी बड़ी राहत दी गई है। उनके लिए टैक्स छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों को अब चार साल तक अपडेटेड आईटीआर जमा करने की सुविधा दी गई है, जो उनके लिए एक बड़ी राहत है।

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर एक लाख रुपया कर दिया गया है। किराये पर मिलने वाली छूट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 6 लाख किया गया है। विदेश भेजे जाने वाले पैसों की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया है। टीसीएस अब सिर्फ बिना पैन वालों पर ही काटा जाएगा, जिससे करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

आम आदमी पर प्रभाव

यह बजट मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। एक लाख रुपये तक की मासिक कमाई वाले लोगों को अब कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इससे उनके हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे वे अपनी जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे और अर्थव्यवस्था में भी गति आएगी।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

इस ऐतिहासिक फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कई लोग इसे अपनी जिंदगी का सबसे अच्छा फैसला बता रहे हैं। यह कदम न केवल मध्यम वर्ग को राहत देगा बल्कि सरकार की छवि को भी मजबूत करेगा।

भविष्य की योजनाएं

यह प्रस्ताव वित्त वर्ष 2025-26 यानी असेसमेंट ईयर 2026-27 से लागू होगा3। सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी और टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता आएगी। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है, जिसमें मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया गया है। यह फैसला न केवल करोड़ों भारतीयों के जीवन में खुशहाली लाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में भी मददगार साबित होगा।