Mukesh Ambani : 50 साल पुरानी ड्रिंक की बाजार में होगी वापसी

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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Mukesh Ambani : 50 साल पुरानी ड्रिंक की बाजार में होगी वापसी

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Reliance Industries Limited: रिलायंस अपने बिजनेस का तेजी से विस्तार कर रही है. अब कंपनी ने 50 साल पुराने ड्रिंक को नए अंदाज में पेश करने का फैसला लिया है. रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) ने बृहस्पतिवार को देश के 50 साल पुराने प्रतिष्ठित पेय ब्रांड कैंपा कोला को फिर से पेश करने की घोषणा की है. मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी RCPL है.

जनवरी में भी खरीदा था ड्रिंक्स ग्रुप-

आपको बता दें रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं में डील करती है. यह एक एफएमसीजी कंपनी है. गौरतलब है कि इस साल जनवरी में आरसीपीएल ने गुजरात स्थित कार्बोनेटेड शीतल पेय और जूस बनाने वाली कंपनी सोस्यो हजूरी बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की थी. इससे पहले उसने प्योर ड्रिंक्स ग्रुप से कथित तौर पर 22 करोड़ रुपये में कैंपा ब्रांड का अधिग्रहण किया था.

नए फ्लेवर में किया जाएगा लॉन्च-

अब आरसीपीएल ने कैंपा ब्रांड को फिर से पेश किया है. कंपनी की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि शुरुआती दौर में शीतल पेय श्रेणी में तीन नये फ्लेवर- कैम्पा कोला, कैंपा लेमन और कैंपा ऑरेंज को शामिल किया जाएगा.

कोका-कोला आने के बाद पिछड़ा ब्रांड-

बता दें यह पहले यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उपलब्ध होगा. बाद में इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में पेश किया जाएगा. कैम्पा-कोला 1970 और 1980 के दशक में एक लोकप्रिय शीतल पेय ब्रांड था, लेकिन कोका-कोला और पेप्सिको के आने के बाद ये पिछड़ता गया.

पेप्सीको और कोका-कोला से होगा मुकाबला-

कंपनी की ओर से जारी किए बयान में कहा गया है कि आरसीपीएल ने इसे ‘द ग्रेट इंडियन टेस्ट’ का नाम दिया है. बाजार जानकारों के अनुसार घरेलू ब्रांड कैंपा सीधे तौर पर दुनिया की दो सबसे बड़ी कंपनियों- पेप्सीको और कोका कोलो को टक्कर देगा.

कंपनी के प्रवक्ता ने दी जानकारी-

आरसीपीएल के प्रवक्ता ने कैंपा की पेशकश के मौके पर कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि नयी पीढ़ी के उपभोक्ता कैंपा के इस नये अवतार को अपनाएंगे और युवा उपभोक्ताओं को नया स्वाद पसंद आएगा. उन्होंने कहा, 'तेजी से विकसित हो रहे भारतीय बाजार में खपत अधिक होने के कारण कैंपा के लिए कहीं अधिक अवसर हैं.'