Mutual Fund : म्यूच्यूअल फण्ड में इस चीज के बढ़ने से हो गया चमत्कार, अब निवेशकों को मिलेगा और भी ज्यादा फायदा

आज के दौर में पैसा निवेश करने के कई सारे माध्यम हैं. इनमें पैसा इंवेस्ट करके कई लाभ कमाए जा सकते हैं और अच्छा रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है. इन्हीं निवेश के माध्यम में म्यूचुअल फंड भी शामिल है. म्यूचुअल फंड में निवेश कर लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न कमाया जा सकता है. वहीं म्यूचुअल फंड को लेकर अब एक खुशखबरी भी सामने आ गई है.
दरअसल, भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी इस साल जनवरी में 9.3 प्रतिशत बढ़कर 23.4 लाख करोड़ रुपये हो गई है. भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) के हालिया आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. जनवरी, 2022 में म्यूचुअल फंड में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 21.40 लाख करोड़ रुपये थी.
आंकड़ों के अनुसार हालांकि संस्थागत संपत्तियों का मूल्य जनवरी, 2023 में कुछ कम होकर 17.42 लाख करोड़ रह गया है जो जनवरी, 2022 में 17.49 लाख करोड़ रुपये था. म्यूचुअल फंड उद्योग के लोगों का मानना है कि संपत्ति में बढ़त का मुख्य कारण व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) में वृद्धि है.
एसआईपी ने लगातार चौथी बार इस साल जनवरी में 13,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छुआ. इसके अलावा खुदरा निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड के प्रति जागरूकता लाने के लिए एम्फी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आंकड़ों के अनुसार, एसआईपी के जरिये प्रवाह बढ़कर जनवरी में 13,856 करोड़ रुपये रहा, जो दिसंबर में 13,573 करोड़ रुपये था.
दरअसल, म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है जो कई निवेशकों से धन इकट्ठा करता है और स्टॉक, बॉन्ड और अल्पकालिक ऋण जैसी प्रतिभूतियों में धन का निवेश करती है. म्यूचुअल फंड की संयुक्त होल्डिंग्स को इसके पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है. निवेशक म्यूचुअल फंड में शेयर खरीदते हैं. प्रत्येक शेयर फंड में एक निवेशक के हिस्से के स्वामित्व और उससे होने वाली आय का प्रतिनिधित्व करता है.