New Tax Regime : इनकम टैक्स की नई रीजीम में बचा सकते हैं टैक्स का पैसा, एक्सपर्ट से समझिए पूरी डिटेल

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New Tax Regime : इनकम टैक्स की नई रीजीम में बचा सकते हैं टैक्स का पैसा, एक्सपर्ट से समझिए पूरी डिटेल

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बजट 2023 में वित्त मंत्रालय ने इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए कई बदलाव किए हैं, जिनमें नई टैक्स रिजीम को रिवाइज करना और टैक्स स्लैब घटाने के साथ ही आय लिमिट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया जाना प्रमुख है. वित्त मंत्रालय ने नई टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट रखा है. नई टैक्स रिजीम में भी टैक्सपेयर्स को कई ऐसे फायदे मिलते हैं जिनकी जानकारी उन्हें कम ही है. आइये समझते हैं इन टैक्स बेनेफिट के बारे में.

स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन के रूप 50000 रुपये की छूट

आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 50,000 रुपये छूट हासिल करने की अनुमति दी है. इसके लिए टैक्सपेयर्स को नई या पुरानी टैक्स रिजीम को चुनने की बाध्यता भी नहीं है और कोई भी प्रूफ पेश करने की भी जरूरत नहीं होती है. स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन का फायदा नौकरीपेशा और पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को मिलता है.

एनपीएस में इंप्लॉयर योगदान पर बेनेफिट

कर्मचारी के एनपीएस में इंप्लॉयर कर्मचारी के मूल वेतन और डीए का 10 फीसदी तक योगदान करता है तो इस 80सीसीडी(2) के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है. एक्सपर्ट का कहना है कि इंप्लॉयर का योगदान टैक्स के दायरे में नहीं आता है. यह फायदा नई और पुरानी टैक्स रिजीम दोनों में ही लागू है.

कर्मचारी के ईपीएफ में इंप्लॉयर का योगदान पर छूट

नई टैक्स रिजीम में अन्य टैक्स बेनेफिट में ईपीएफ में इंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन भी शामिल है. ईपीएफ खाते में इंप्लॉयर कर्मचारी के मूल वेतन का 12 फीसदी योगदान करता है. टैक्स बेनेफिट हासिल करने के लिए कर्मचारी की सालाना आय 7.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए.

जीवन बीमा पॉलिसी मैच्योरिटी रकम टैक्स दायरे से बाहर

जीवन बीमा पॉलिसी की मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्स के दायरे से बाहर होती है और यह दोनों ही नई और पुरानी टैक्स रिजीम में लागू होती है. नई टैक्स रिजीम के अनुसार जीवन बीमा पॉलिसी का सालाना प्रीमियम लिमिट 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए.