धान की नई किस्म: कम पानी, कम खर्च, ज्यादा मुनाफा!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Business

धान की नई किस्म: कम पानी, कम खर्च, ज्यादा मुनाफा!

PM kisan Update


Kisan News: धान खरीफ मौसम की मुख्य फसल है। धान की खेती करने वाले ज्यादातर किसान इस उम्मीद में ऐसा करते हैं कि उन्हें अन्य फसलों की तुलना में इससे बेहतर उत्पादन और ज्यादा मुनाफा मिल सके. मई आते ही कई राज्यों में किसान धान की बुआई यानी नर्सरी लगाना शुरू कर देते हैं.

साथ ही किसान ऐसी किस्मों की खेती करना चाहते हैं जिससे उनकी फसल जल्दी तैयार हो जाए और उत्पादन भी अच्छा मिले, लेकिन ज्यादातर किस्मों को तैयार होने में 130-140 दिन का समय लगता है।

जिससे आगे खेती करने में देरी होती है. किसानों की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए बाजार में मंसूरी धान की नई किस्म आई है. आइए जानते हैं इस नई किस्म से कितनी पैदावार मिलेगी.

किस्म 122 क्विंटल उपज देती है

इस किस्म का नाम सबौर मंसूरी धान है. इस धान की खासियत यह है कि यह कम पानी, खाद और कम खर्च में सामान्य धान से अधिक उपज देता है। धान की नई किस्म सबौर मंसूरी लगभग डेढ़ गुना अधिक उपज देती है। आपको बता दें कि केंद्र की ओर से इस तरह का नोटिफिकेशन एक महीने में जारी किया जाएगा.

ऐसे में किसान इस धान की खेती इसी खरीफ सीजन में कर सकेंगे. इस धान की खास बात यह है कि इसके बीज बिना रोपाई के सीधी बुआई से बोये जा सकते हैं. साथ ही इसका औसत उत्पादन 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

अधिकतम उत्पादन की बात करें तो यह 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है. इसके अलावा सीधी बुआई के लिए यह धान 135 से 140 दिन में तैयार हो जाता है.

इन 9 राज्यों में होगी खेती

देश के 9 राज्यों में सबौर मंसूरी धान का उत्पादन होगा. इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और पुडुचेरी शामिल हैं। धान की इस नई किस्म की खोज बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की है. पिछले 4 वर्षों से अखिल भारतीय एकीकृत धान सुधार परियोजना के तहत बिहार समेत देश के 19 राज्यों के 125 केंद्रों पर परीक्षण किया गया.

बिहार में इसका परीक्षण

किशनगंज,सहरसा,मधेपुरा,भागलपुर,लखीसराय,बेगूसराय,बक्सर,औरंगाबाद,गया,रोहतास और पटना में किया गया। इस जांच में वैज्ञानिकों को बेहतर नतीजे मिले. वैज्ञानिकों ने बताया कि इस किस्म के पौधे में औसतन 18 से 20 कलियाँ होती हैं, जिनमें 300 से अधिक दाने पाए जाते हैं। दानों का रंग सुनहरा होता है. साथ ही यह नाटी मंसूरी के दानों की तरह होता है.

कीट एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता

धान की इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है. यह धान झुलसा एवं झुलसा रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है। यह तना छेदक और भूरा पत्ती लपेटक कीट के प्रति भी सहनशील है। साथ ही इसका तना भी बहुत मजबूत होता है. जिससे यह बदलते मौसम और बार-बार आने वाले तूफान में भी नहीं गिरेगा।