PM Surya Ghar Yojana: हरियाणा के 14 गांवों को मिलेगा मॉडल सोलर विलेज का ताज, विजेता गांव को मिलेगा बंपर इनाम!

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने देश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक नया कदम उठाया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत हरियाणा के रेवाड़ी जिले के 14 गांव सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मॉडल सोलर विलेज बनने की राह पर हैं। इस पहल का लक्ष्य न केवल बिजली बिलों को कम करना है, बल्कि ग्रामीण भारत को पर्यावरण के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बनाना भी है। आइए जानते हैं, कैसे यह योजना गांवों को रोशन करने के साथ-साथ उनके भविष्य को भी संवार रही है।
सौर ऊर्जा: एक नया विकल्प, एक नई उम्मीद
सौर ऊर्जा को आज के समय में सबसे स्वच्छ और किफायती ऊर्जा स्रोत माना जा रहा है। फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम सूर्य घर योजना का उद्देश्य हर घर को सस्ती और मुफ्त बिजली प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार पात्र परिवारों को सौर पैनल स्थापित करने के लिए अनुदान दे रही है। रेवाड़ी जिले में बिजली वितरण निगम के सहयोग से घर-घर सौर संयंत्र लगाए जा रहे हैं, जिससे एक सामान्य परिवार अपने बिजली बिल को लगभग शून्य तक ला सकता है।
अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) राहुल मोदी ने बताया कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की जरूरतों को पूरा करने का एक क्रांतिकारी कदम है। सौर ऊर्जा न केवल घरों को रोशन कर रही है, बल्कि खेतों में ट्यूबवेल और अन्य उपकरण चलाने में भी कारगर साबित हो रही है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा योगदान दे रही है।
मॉडल सोलर विलेज: एक अनोखी प्रतियोगिता
इस योजना के तहत देश के प्रत्येक जिले से एक गांव को मॉडल सोलर विलेज के रूप में चुना जाएगा। रेवाड़ी जिले से 14 गांवों को इस प्रतियोगिता के लिए चुना गया है, जिनमें माहेश्वरी, दहीना, अखेड़ा, गोकलगढ़, नंदरामपुर बस, गुरवाड़ा, घाटल महनियावास, रामपुरा, जैनाबाद, मनेथी, सिहा, भाकली, कोसली और नाहद शामिल हैं। इन गांवों में 26 मई से 26 नवंबर 2025 तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में सौर पैनलों की स्थापना और उनके उपयोग के आधार पर विजेता का चयन होगा।
जो गांव सौर ऊर्जा का सबसे अधिक और प्रभावी उपयोग करेगा, उसे एक करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा। यह पुरस्कार न केवल गांव की प्रगति में मदद करेगा, बल्कि अन्य गांवों को भी इस दिशा में प्रेरित करेगा। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
सामाजिक समावेशन और सरकारी सहायता
इस योजना का एक खास पहलू यह है कि यह सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा दे रही है। सरकार अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के चौपालों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के लिए पंचायतों को 75 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर रही है। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुविधाओं को बेहतर बनाने और सभी वर्गों को सौर ऊर्जा के लाभों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
सौर पैनल न केवल घरों की बिजली जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि खेती-बाड़ी में भी उपयोगी साबित हो रहे हैं। ट्यूबवेल जैसे उपकरणों को सौर ऊर्जा से चलाने से किसानों की लागत कम हो रही है और उनकी आय में व(highlighted)ृद्धि हो रही है। यह योजना ग्रामीण भारत के लिए एक ऐसी राह खोल रही है, जो आर्थिक और पर्यावरणीय दोनों दृष्टिकोण से लाभकारी है।
भविष्य की राह: सौर ऊर्जा से रोशन गांव
पीएम सूर्य घर योजना केवल बिजली प्रदान करने तक सीमित नहीं है; यह ग्रामीण भारत को एक नई दिशा देने का प्रयास है। रेवाड़ी के 14 गांव इस दौड़ में शामिल होकर न केवल अपने लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम कर सकते हैं। यह योजना न सिर्फ बिजली बिलों को कम करने में मदद कर रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा दे रही है।
जैसे-जैसे ये गांव सौर ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य गांव भी इस पहल से प्रेरित होंगे। सौर ऊर्जा का उपयोग न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य की नींव भी रखता है।